Ias Suspension Report: IAS अभिषेक प्रकाश निलंबन मामला: यूपी सरकार ने केंद्र को भेजी 36 पन्नों की रिपोर्ट
IAS Suspension: उत्तर प्रदेश सरकार ने निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के मामले में केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को 36 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट भेजी है। इसमें उनके निलंबन के कारणों का विस्तार से उल्लेख किया गया है। सोलर घूसकांड और भटगांव भूमि घोटाले में उनकी भूमिका की जांच जारी है।
IAS Abhishek Prakash: उत्तर प्रदेश सरकार ने निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के मामले में केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को अपनी विस्तृत रिपोर्ट भेज दी है। 36 पन्नों की इस रिपोर्ट में निलंबन के कारणों का विस्तार से उल्लेख किया गया है। डीओपीटी द्वारा समय-समय पर आईएएस अधिकारियों के निलंबन की समीक्षा की जाती है, और इस रिपोर्ट को उसी प्रक्रिया का हिस्सा माना जा रहा है।
अभिषेक प्रकाश को 20 मार्च 2024 को इन्वेस्ट यूपी के सीईओ पद से निलंबित किया गया था। उन पर सोलर कंपनी से सब्सिडी दिलाने के नाम पर रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप है। इसके पहले भी, 2021 में लखनऊ के भटगांव में जमीन अधिग्रहण घोटाले में उनकी भूमिका को लेकर जांच हो चुकी है।
प्रदेश सरकार ने निलंबन की विस्तृत जानकारी डीओपीटी को भेजते हुए स्पष्ट किया है कि एक माह के भीतर मामले की स्थिति की रिपोर्ट फिर से सौंपी जाएगी। यदि निलंबन चार महीने तक जारी रहता है, तो मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय कमेटी इसकी समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट केंद्र को भेजेगी।
भटगांव जमीन अधिग्रहण घोटाला: नौकरशाहों और नेताओं का गठजोड़
डिफेंस कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित भटगांव की जमीन को लेकर गंभीर घोटाले के आरोप लगे हैं। इसमें नियमों को ताक पर रखकर फर्जी पट्टों के जरिए नौकरशाहों और नेताओं के करीबी लोगों को फायदा पहुंचाने की बात सामने आई थी।
फर्जी पट्टों के ज़रिए गैर-मालिकों को जमीन सौंपने का आरोप
बिचौलियों और राजनीतिक हस्तियों की संलिप्तता
जमीन के नामांतरण के बाद करोड़ों रुपये का मुआवजा हड़पने का मामला
सूत्रों के अनुसार भटगांव प्रकरण में कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं। इसमें कुछ प्रमुख बिचौलियों के संबंध सत्ताधारी दल के एक एमएलसी से भी बताए जा रहे हैं। यदि इन लोगों की गहन जांच होती है, तो और महत्वपूर्ण तथ्य सामने आ सकते हैं।
डीओपीटी की समीक्षा और निलंबन की अवधि
नियुक्ति विभाग के उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार:
एक माह के भीतर मामले की स्थिति की रिपोर्ट डीओपीटी को भेजी जाएगी।
यदि चार महीने बाद भी निलंबन जारी रहता है, तो उच्चस्तरीय कमेटी द्वारा रिपोर्ट भेजनी होगी।
आईएएस अधिकारी का निलंबन एक वर्ष से अधिक रखने के लिए केंद्र सरकार की अनुमति आवश्यक होती है।