परियोजना का विस्तृत स्वरूप
10 सेक्टरों में विभाजित यह इन्फ्रास्ट्रक्चर, शहर के मुख्य राजमार्गों जैसे सुल्तानपुर रोड, किसान पथ और राजाजीपुरम लिंक रोड से समुचित कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। सड़कें 45 मीटर, 30 मीटर, 24 मीटर और 18 मीटर चौड़ी होंगी, जो इस क्षेत्र में सुगम यातायात एवं आवागमन सुनिश्चित करेंगी। समकोण पर जालीदार ले-आउट, यानी ग्रिड रोड डिजाइन, बेहतर ट्रैफिक मैनेजमेंट, ब्रेक-अप, वक्रता और दुर्घटना-प्रवणता को रोकने में सहायक सिद्ध होगी।
भूमि समेकन व लोक भागीदारी
यह परियोजना भूमि पूलिंग मॉडल के अंतर्गत विकसित की जा रही है, जिसमें स्थानीय किसानों और ज़मीन मालिकों की भागीदारी निर्णायक भूमिका निभा रही है। मोहरी खुर्द, बाक़ास, सोनाई कंझेरा, सिकंदरपुर अमोलिया, सिद्धपुरा, परेठा, पहाड़गढ़ टिकरिया, रकाबगंज, खुजौली और भटवारा आदि ग्रामीण इलाकों की भूमि शामिल की जा रही है। अब तक लगभग 159 एकड़ भूमि किसानों द्वारा मुफ्त प्रदान की गई है। हाल ही में, एक निज़ी कंपनी ने मोहरी खुर्द में 50,167 वर्ग मीटर भूमि का सौदा एलडीए के साथ किया।
स्थानीय स्तर पर तैयारी
एलडीए ने मोहरी खुर्द में एक साइट कार्यालय स्थापित किया है, जहां दो नायब तहसीलदार, दो अमीन, दो लेखपाल सहित कुल आठ स्टाफ समझौता प्रक्रिया को सुचारू रूप से अंजाम दे रहे हैं। आवासीय और औद्योगिक योजनाएं
आईटी सिटी में 5,000 आवासीय भूखंड, जिनका आकार 72–200 वर्ग मीटर तक होगा, विकसित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त 445.65 एकड़ औद्योगिक भूमि, 260 एकड़ वाणिज्यिक क्षेत्र, और 200 एकड़ गोल्फ-सिटी क्षेत्र शामिल किए गए हैं। लोखंड क्षेत्र के साथ-साथ यह परियोजना 15 एकड़ जलाशय के साथ पर्यावरण अनुकूलता को भी सुनिश्चित करेगी।
राज्य-स्तरीय औद्योगिक निवेश और रोजगार के अवसर
एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेन्द्र कुमार ने कहा कि “इस योजना के माध्यम से हम निजी निवेश को आकर्षित करना चाहते हैं। आईटी सिटी..यह राज्य की राजधानी में नौकरी सृजन का माध्यम बनेगा।” यह परियोजना लखनऊ में शिक्षा, लॉजिस्टिक और छोटे-बड़े उद्योग क्षेत्र को बढ़ावा देगी। निजी निवेश से राजस्व वृद्धि व रोजगार के अवसरों में भी इजाफा होगा। ग्रिड रोड सिस्टम के लाभ
- यातायात की सुगमता – चौड़ी और सीधी सड़कें मेट्रो और स्मार्ट बस नेटवर्क को सहारा देंगी।
- ट्रैफिक मैनेजमेंट में सुधार – जाल जैसी सड़क संरचना दुर्घटनाओं को रोकने में मददगार होगी।
- सूचना-समर्थित शहर – भविष्य की स्मार्ट सिटी योजनाओं के लिए आधार बनेगा।
- मार्ग-भंग के संकट को रोकेगा – अवैध कब्जा और अराजकता पर लगाम लगेगी।
कार्य संचालक और समय-सीमा
एलडीए उपाध्यक्ष ने यह निर्देश दिया है कि मुख्य अभियंता नवीन शर्मा अनुमोदित लेआउट अनुसार विवरण तैयार करें। निर्माण कार्य जुलाई 2025 में शुरू होने का लक्ष्य है।
चुनौतियाँ और अपेक्षित हल
भूमि मुआवजे, मुद्रांकन संबंधी दस्तावेजों के सत्यापन, और समंवय कार्रवाई में समय लगाया जा सकता है। सड़कें बिछाना, जल निकासी, ड्रेनेज सहित बुनियादी संरचनाओं को तैयार करना भी चुनौतीपूर्ण रहेगा। निजी निवेशकों और किसानों के बीच संतुलन बनाए रखना परियोजना की सफलता में निर्णायक होगा।
अन्य राज्य परियोजनाओं की तुलना
गुजरात की सांदीबेन फॉर्मेट जैसी आईटी और औद्योगिकीकरण मॉडल जिनमें सरल भूमि पूलिंग माध्यम रहा। अन्य राज्यों की जानकारी से लखनऊ प्रशासन को भी मार्गदर्शन मिलेगा कि कैसे ज़मीन मालिकों और निवेशकों के बीच विश्वास बनाए रखा जाए। पर्यावरण और जीवन स्तर
15 एकड़ जलाशय परियोजना
लखनऊ को एक हरित नगरी की दिशा में अग्रसर करेगी। गोल्फ-सिटी, पार्क, वाटर बॉडीज़ भूमि के हितकारी उपयोग और घरों के चारों ओर हरियाली लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने वाले हैं। पहली बार लखनऊ में ग्रिड रोड सिस्टम लागू करने की यह परियोजना लखनऊ को एक आधुनिक, स्मार्ट और व्यवस्थित शहर के रूप में आकार देगी। आईटी सिटी की अवधारणा, जिसमें आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, आईटी और पर्यावरण का सम्मिलन हो पूरी तरह से शहर की तस्वीर बदल सकती है। निजी निवेश, रोजगार सृजन, सार्वजनिक सुविधा व आर्थिक गतिविधियां इसमें संतुलित रूप से जगह मिलती दिख रही है।