ट्रैफिक दबाव वाले क्षेत्रों की पहचान कर बनाई गई योजना
सेतु निगम द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव में राजधानी के उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है, जहां आए दिन जाम की समस्या गंभीर हो जाती है। इनमें सरोजनीनगर, मलिहाबाद, बख्शी तालाब, लखनऊ पश्चिम, लखनऊ पूर्व, लखनऊ मध्य, लखनऊ उत्तर और मोहनलालगंज जैसे विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इनमें सबसे अधिक 10 ओवरब्रिज सरोजनी नगर क्षेत्र में प्रस्तावित हैं, जहां प्रतिदिन हजारों वाहन कानपुर रोड से होकर गुजरते हैं और ट्रैफिक का दबाव अत्यधिक रहता है।
अन्य विधानसभा क्षेत्रों में प्रस्तावित ओवरब्रिजों का विवरण
- मलिहाबाद: 7 ओवर ब्रिज
- बख्शी तालाब: 7 ओवर ब्रिज
- लखनऊ पश्चिम: 6 ओवर ब्रिज
- लखनऊ पूर्व: 5 ओवर ब्रिज
- लखनऊ मध्य: 5 ओवर ब्रिज
- मोहनलालगंज: 4 ओवर ब्रिज
- लखनऊ उत्तर: 3 ओवरब्रिज
बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में पहल
सेतु निगम के अधिकारियों के अनुसार, यह योजना लखनऊ के ट्रैफिक लोड, आबादी की घनता और दैनिक यातायात की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। शहर के कई इलाकों में संकरी सड़कें और अत्यधिक ट्रैफिक दबाव की वजह से आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। ओवरब्रिजों के माध्यम से इन क्षेत्रों में वैकल्पिक मार्ग तैयार किए जाएंगे, जिससे यातायात व्यवस्था सुगम होगी और आम जनता को राहत मिलेगी।
परियोजना की प्रक्रिया और स्वीकृति की स्थिति
वर्तमान में यह प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जा चुका है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इसे स्वीकृति मिल जाएगी। प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने के बाद चरणबद्ध तरीके से निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। प्राथमिकता उन क्षेत्रों को दी जाएगी, जहां ट्रैफिक का दबाव सबसे ज्यादा है या सड़क दुर्घटनाओं की दर अधिक पाई गई है।
जाम मुक्त राजधानी की ओर एक महत्वपूर्ण कदम
राजधानी लखनऊ में पिछले कुछ वर्षों में वाहन संख्या में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। नए-नए रिहायशी क्षेत्रों के विस्तार और व्यावसायिक गतिविधियों के बढ़ने से ट्रैफिक का दबाव कई गुना बढ़ गया है। ऐसे में ओवरब्रिजों का निर्माण न केवल यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करेगा, बल्कि शहर की योजना बद्धता और नागरिकों की जीवनशैली को भी बेहतर बनाएगा।
ओवरब्रिज निर्माण से लाभ
- मुख्य मार्गों और चौराहों पर ट्रैफिक जाम से राहत।
- आपातकालीन सेवाओं (एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड) की तेज आवाजाही।
- ईंधन की बचत और प्रदूषण में कमी।
- सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में गिरावट।
- बेहतर शहरी बुनियादी ढांचा और निवेश के अवसरों में वृद्धि।
इस परियोजना को सफल बनाने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों, पार्षदों और नागरिकों की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी। निर्माण कार्य के दौरान ट्रैफिक डायवर्जन और मार्ग परिवर्तन की जानकारी आमजन को समय रहते दी जाएगी। इसके साथ ही नागरिकों से सहयोग और धैर्य की भी अपील की जाएगी।