scriptLucknow Crime: कैंसर पीड़ित युवती ने शताब्दी अस्पताल से कूदकर दी जान, डिप्रेशन बना वजह | Lucknow Crime: Cancer Patient Ends Life by Jumping from KGMU Hospital: A Tragic Incident | Patrika News
लखनऊ

Lucknow Crime: कैंसर पीड़ित युवती ने शताब्दी अस्पताल से कूदकर दी जान, डिप्रेशन बना वजह

लखनऊ के केजीएमयू शताब्दी अस्पताल में 21 वर्षीय कैंसर पीड़ित युवती ने तीसरी मंजिल से कूदकर जान दे दी। वह गंभीर मानसिक तनाव में थी और इलाज के लिए पिता के साथ अस्पताल में भर्ती थी। डॉक्टरों के अनुसार, बीमारी के बढ़ते दर्द और डिप्रेशन के कारण उसने यह आत्मघाती कदम उठाया।

लखनऊMar 25, 2025 / 08:56 am

Ritesh Singh

बीमारी से परेशान होकर उठाया दर्दनाक कदम, अस्पताल में मचा हड़कंप

बीमारी से परेशान होकर उठाया दर्दनाक कदम, अस्पताल में मचा हड़कंप

Lucknow Shatabdi Hospital Suicide: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के शताब्दी अस्पताल में सोमवार को 21 वर्षीय युवती ने संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली। युवती मलाशय (बड़ी आंत) के कैंसर से पीड़ित थी और पिछले कुछ समय से मानसिक रूप से परेशान चल रही थी। डॉक्टरों के मुताबिक कैंसर उसके शरीर में फैल चुका था, जिसके चलते उसे कीमोथेरेपी दी जा रही थी।
यह भी पढ़ें

लखनऊ में ‘फिट इंडिया संडे साइकिल’ का आगाज़, केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने बढ़ाया फिटनेस का जुनून

घटना का विवरण

  • पीड़िता का नाम: दीपमाला (21 वर्ष)
  • निवास स्थान: लखीमपुर
  • बीमारी: मलाशय कैंसर (कोलन कैंसर)
  • इलाज: कीमोथेरेपी के दौर से गुजर रही थी
  • घटनास्थल: केजीएमयू का शताब्दी अस्पताल, तीसरी मंजिल
  • समय: रविवार रात से सोमवार सुबह के बीच

कैसे हुई यह दर्दनाक घटना

रविवार की रात दीपमाला अपने पिता रजनीश के साथ केजीएमयू के शताब्दी अस्पताल के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के कॉरिडोर में सोई थी। रात करीब 3 बजे पिता की अचानक आंख खुली तो बेटी बिस्तर पर नहीं थी। उन्होंने पूरे अस्पताल में उसे तलाशना शुरू किया, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। कई घंटे की खोज के बाद, सोमवार सुबह करीब 6 बजे सूचना मिली कि अस्पताल के बाहर एक युवती का शव मिला है।
यह भी पढ़ें

प्रदेश में कृषि क्षेत्र में क्रांति, किसानों की आय दोगुनी – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 

डॉक्टरों का बयान

केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. के.के. सिंह ने बताया कि दीपमाला को कैंसर की उन्नत अवस्था (एडवांस स्टेज) थी और उसे सर्जरी से पहले कीमोथेरेपी दी जा रही थी। “युवती के शरीर में कैंसर काफी फैल चुका था और वह लंबे समय से मानसिक तनाव में थी। परिवार के अनुसार, बीमारी के कारण वह डिप्रेशन में थी। अस्पताल प्रशासन ने तुरंत उसे ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
लखनऊ: कैंसर के दर्द से जूझ रही युवती ने किया सुसाइड, परिवार में मातम

क्या हो सकती है आत्महत्या की वजह

  • बीमारी का दर्द: कैंसर जैसी घातक बीमारी का दर्द असहनीय होता है।
  • डिप्रेशन: गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीज अक्सर मानसिक तनाव में रहते हैं।
  • इलाज का लंबा सफर: कीमोथेरेपी और सर्जरी की प्रक्रिया मरीज को शारीरिक और मानसिक रूप से तोड़ सकती है।
  • भविष्य की चिंता: गंभीर बीमारी के कारण कई मरीज अपने भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं।
यह भी पढ़ें

Yogi सरकार के आठ वर्ष: सर्वोदय विद्यालयों के माध्यम से शिक्षा में क्रांतिकारी परिवर्तन 

मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कैंसर मरीजों के इलाज के दौरान उनके मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। कई बार मरीजों को डिप्रेशन और चिंता की समस्या होती है, जो उनकी मानसिक स्थिति को खराब कर सकती है। डॉ. अंजलि वर्मा (मनोचिकित्सक, केजीएमयू) ने कहा, “कैंसर पीड़ितों को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी काउंसलिंग और थेरेपी मिलनी चाहिए। अगर किसी मरीज में डिप्रेशन के लक्षण दिखते हैं, तो परिवार को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।”

सरकारी स्तर पर क्या होनी चाहिए पहल

  • कैंसर मरीजों के लिए विशेष मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग केंद्र स्थापित किए जाएं।
  • अस्पतालों में साइकोलॉजिकल सपोर्ट ग्रुप और हेल्पलाइन चलाई जाएं।
  • गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए आत्महत्या रोकथाम कार्यक्रम लागू किए जाएं।

परिवार और समाज की भूमिका

  • कैंसर पीड़ितों के साथ संवेदनशील व्यवहार करें।
  • उनकी भावनाओं को समझें और सकारात्मक माहौल बनाएं।
  • नियमित रूप से काउंसलिंग और डॉक्टर से परामर्श लें।
यह भी पढ़ें

यूपी में सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा बदलाव, अब हर काम ऑनलाइन

दीपमाला की आत्महत्या से एक गंभीर सामाजिक और स्वास्थ्य समस्या सामने आई है। कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ रहे मरीजों को केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत करने की जरूरत है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि इस तरह की दुखद घटनाओं को रोका जा सके।
यह भी पढ़ें

UP में अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति, 232 से अधिक अपराधी ढेर, 12,000 गिरफ्तार 

मलाशय कैंसर (कोलन कैंसर): कारण, लक्षण और जांच

मलाशय कैंसर जिसे कोलन कैंसर भी कहा जाता है, तब होता है जब कोलन या मलाशय की परत में कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। यह कैंसर आमतौर पर कोलन में मौजूद पॉलीप्स से विकसित होता है, जो समय के साथ घातक रूप ले सकते हैं।

कोलन कैंसर के कारण

  • कोलन में पॉलीप्स की उपस्थिति
  • अल्सरेटिव कोलाइटिस या क्रोन रोग जैसी आंतों की बीमारियां
  • उच्च वसा, मांस और प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन
  • कम फाइबर युक्त आहार
  • पारिवारिक इतिहास में कोलन कैंसर या पॉलीप्स की मौजूदगी
  • धूम्रपान और शराब का सेवन
  • मोटापा और मधुमेह
  • पेट पर विकिरण चिकित्सा का पूर्व इतिहास

कोलन कैंसर के लक्षण

इसके लक्षणों में लगातार कब्ज़, दर्दनाक पेट में ऐंठन, सूजन, मतली और उल्टी शामिल हैं। कुछ मामलों में मल में खून आ सकता है, और वजन में अचानक गिरावट हो सकती है।

कोलन कैंसर का पता लगाने के लिए जांच

  • असामान्य मल की स्क्रीनिंग
  • कोलोनोस्कोपी
  • शारीरिक परीक्षण
  • रक्त परीक्षण के जरिए ट्यूमर मार्करों की जांच
  • समय पर जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर कोलन कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है।

Hindi News / Lucknow / Lucknow Crime: कैंसर पीड़ित युवती ने शताब्दी अस्पताल से कूदकर दी जान, डिप्रेशन बना वजह

ट्रेंडिंग वीडियो