उन्होंने आगे कहा, “सपा की हार पर जनता को उसके जवाब का इंतजार है, क्योंकि पिछले उपचुनाव में सपा ने अपनी हार का ठीकरा बसपा पर फोड़ने की कोशिश की थी। ऐसे में एक बार फिर यह संदेश दिया जा रहा है कि भाजपा, कांग्रेस और सपा जैसी जातिवादी पार्टियां गरीबों, मजदूरों, दलितों, पिछड़ों, मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यकों की हितैषी नहीं, बल्कि कई मामलों में शोषक हैं। इन सभी लोगों का हित केवल अम्बेडकरवादी बसपा में सुरक्षित है, जिसकी मिसाल उत्तर प्रदेश में देखी जा सकती है।”
दिल्ली में भाजपा की जीत पर क्या बोलीं मायावती?
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, “अब जबकि दिल्ली की जनता ने ‘हवा चले जिधर की, चलो तुम उधर की’ के तर्ज पर मतदान कर भाजपा की सरकार बना दी है, तो केंद्र की भाजपा सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह राजधानी की लगभग दो करोड़ जनता से किए गए जनहित और जनकल्याण के वादों को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से जल्द पूरा करे। ताकि आम लोगों का जीवन थोड़ा बेहतर हो सके और ‘अच्छे दिन’ की परिकल्पना साकार हो। साथ ही, सबसे पहले दिल्ली को रहने योग्य और बेहतर बनाया जाए।”
मायावती ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “भाजपा को 27 साल बाद मिली सत्ता की वापसी से अन्य दलों, खासकर बी.एस.पी., को नुकसान हुआ है। आप और भाजपा के बीच चले लंबे राजनीतिक द्वेष, संघर्ष और टकराव के कारण दिल्ली का समुचित विकास नहीं हो पाया, जिसका सबसे अधिक खामियाजा गरीब और मेहनतकश वर्ग को उठाना पड़ा। अब केन्द्र सरकार की विशेष जिम्मेदारी बनती है कि लोगों से किए गए अनेकों वादों व गारण्टियों को पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ पूरा करे। सबसे बढ़कर यमुना की सफाई तथा वायु प्रदूषण आदि से मुक्त करके दिल्ली को रहने योग्य स्वस्थ्य बनाये।”