इस खौफनाक प्रेम कहानी का सफर 15 मई से शुरू हुआ। राजा से शादी के महज चार दिन बाद, जब सोनम और राज इंदौर के एक कैफे में मिले थे। उसके बाद से ही एक भयावह साजिश बुनी जाने लगी। पुलिस द्वारा एक्सेस किए गए कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDRs) से पता चला है कि सोनम और राज के बीच लगातार और रणनीतिक बातचीत होती थी। 16 से 23 मई के बीच, सोनम ने राज कुशवाह को 30 बार कॉल किया, कुछ कॉल केवल 30 सेकंड की थीं, जबकि कुछ एक मिनट तक चलीं। ये कॉल उसस समय की जाती जब राजा को पता न लग सके, जैसे उसके सोने के बाद या खाना खाते वक्त।
फोन कॉल के अलावा, दोनों ने व्हाट्सएप और अन्य मैसेजिंग एप के जरिए लगभग दिन 24 घंटे बातचीत की। पुलिस वर्तमान में संदेश बैकअप, ऐप डेटा और लोकेशन हिस्ट्री खंगाल रही है, ताकि साजिश और हत्या की योजना के पीछे की पूरी सच्चाई सामने आ सके।
डिजिटल सबूत एक सावधानीपूर्वक रची गई साजिश की ओर इशारा करते हैं। आरोप है कि सोनम ने राज कुशवाह को 50,000 रुपये दिए, जाहिर तौर पर तीन लोगों – विशाल, आकाश और आनंद – के यात्रा खर्च के लिए, जिन्हें नवविवाहित जोड़े का शिलॉन्ग तक पीछा करने का काम सौंपा गया था। जैसे ही सोनम और राजा ने 20 मई को इंदौर से शिलॉन्ग के लिए उड़ान भरी, सोनम ने राज कुशवाह को लगातार अपनी लाइव लोकेशन साझा करती रही, जिससे आरोपी जोड़े को ट्रैक कर सके।
जांचकर्ताओं का मानना है कि यह लगातार डिजिटल संपर्क केवल संचार नहीं था; यह एक सोची समझी साजिश थी जिसका अंत राजा रघुवंशी की असामयिक मृत्यु के रूप में हुआ। सोनम और राज कुशवाह द्वारा छोड़े गए डिजिटल निशान अब पुलिस के मामले की रीढ़ बन रहे हैं, जो एक ऐसे प्यार की भयावह तस्वीर पेश कर रहे हैं जो घातक धोखे में बदल गया।