सहारनपुर निवासी अमित कुमार ने डीजीपी प्रशांत कुमार की तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए वर्ष 2022 में एक फर्जी इंस्टाग्राम आईडी बनाई। इस आईडी पर उसने 67,000 फॉलोअर्स जुटा लिए और यहां तक कि इसे “ब्लू टिक” भी दिलवा दिया। इसके बाद उसने जयपुर में हुए हादसे का सहारा लेकर लोगों से आर्थिक मदद के नाम पर पैसे ऐंठने शुरू किए।
CM Yogi का मास्टर स्ट्रोक, देंगे हर वर्ष एक लाख युवाओं को रोजगार, जानें कैसे करें आवेदन
क्यूआर कोड और यूट्यूब चैनल से फर्जीवाड़ाअमित ने क्यूआर कोड जारी कर लोगों को धोखा दिया और जयपुर कांड के पीड़ितों के लिए मदद के नाम पर 80,000 रुपये की ठगी कर ली। इसके साथ ही उसने डीजीपी के नाम पर एक फर्जी यूट्यूब चैनल भी बनाया, जिसका इस्तेमाल भी ठगी के लिए किया जाता था।
साइबर क्राइम सेल ने आईपी एड्रेस और तकनीकी विश्लेषण की मदद से आरोपी को सहारनपुर से गिरफ्तार किया। आरोपी आईटीआई पास है और उसके पिता ताराचंद्र सेवानिवृत्त दरोगा हैं। पुलिस ने आरोपी के पास से एक आईफोन जब्त किया और उसके बैंक खाते को सीज कर दिया है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सड़कों पर उतरेगा कुर्मी समाज: पल्लवी पटेल का ऐलान
साइबर क्राइम सेल की भूमिकासाइबर क्राइम थाने के प्रभारी बृजेश यादव ने बताया कि आरोपी ने फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए जयपुर कांड के पीड़ितों के नाम पर लोगों की भावनाओं का फायदा उठाया। पुलिस के अनुसार, इस मामले में और भी कई लोग जालसाजी का शिकार हो सकते हैं।
पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की आर्थिक मदद मांगने वाले अकाउंट की सत्यता को जांचें। फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट और ठगी के मामलों में सतर्क रहें।