scriptUp Bijli Rate Hike: यूपी में बिजली दरों का झटका: शहर में 40%, गांव में 45% बढ़ सकती हैं दरें | UP Electricity Prices May Surge Up to 45%: Biggest Hike Proposal in State's History | Patrika News
लखनऊ

Up Bijli Rate Hike: यूपी में बिजली दरों का झटका: शहर में 40%, गांव में 45% बढ़ सकती हैं दरें

UP Electricity Bill : उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को एक और महंगाई का झटका लग सकता है। यूपी पावर कारपोरेशन ने शहरी क्षेत्रों में 40% और ग्रामीण क्षेत्रों में 45% तक बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव नियामक आयोग को सौंपा है। यदि यह प्रस्ताव पारित हुआ, तो यह अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि होगी।

लखनऊJun 16, 2025 / 09:17 am

Ritesh Singh

बिजली दरों में बेतहाशा बढ़ोतरी की तैयारी, उपभोक्ता परिषद ने जताया विरोध फोटो सोर्स : सोशल मीडिया

बिजली दरों में बेतहाशा बढ़ोतरी की तैयारी, उपभोक्ता परिषद ने जताया विरोध फोटो सोर्स : सोशल मीडिया

UP Electricity Hike: उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं पर महंगाई की एक और बड़ी मार पड़ सकती है। प्रदेश में बिजली दरों में रिकॉर्ड वृद्धि की तैयारी चल रही है। यूपी पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने नियामक आयोग (UPERC) को एक नया प्रस्ताव सौंपा है, जिसमें शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में 40 प्रतिशत और ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 45 प्रतिशत तक की वृद्धि का प्रस्ताव रखा गया है। यह अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी मानी जा रही है।
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सूत्रों के अनुसार, यूपी पावर कारपोरेशन ने यह प्रस्ताव सुनवाई की तिथि तय होने के बाद गुपचुप तरीके से दाखिल किया है। नियामक आयोग पहले ही 7 जुलाई को सार्वजनिक सुनवाई की घोषणा कर चुका है। अब इस नए प्रस्ताव में विभिन्न श्रेणियों – घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक – के लिए अलग-अलग दरों में इजाफे की मांग की गई है।
UP Electricity

कहां कितनी बढ़ोतरी का प्रस्ताव

  • शहरी घरेलू उपभोक्ता: 35-40% वृद्धि
  • ग्रामीण घरेलू उपभोक्ता: 40-45% वृद्धि
  • कॉमर्शियल उपभोक्ता: 20-25% वृद्धि
  • औद्योगिक उपभोक्ता: 15-18% वृद्धि
  • कुल औसत प्रस्तावित वृद्धि: 29-30%

 घाटे में बिजली कंपनियां, बोझ उपभोक्ताओं पर

बीते दिनों पावर कॉर्पोरेशन ने बिजली कंपनियों की वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें बताया गया कि आपूर्ति और खर्च के अंतर से 19,644 करोड़ रुपये का घाटा है। इस घाटे की भरपाई के लिए दरों में कम से कम 30% वृद्धि आवश्यक बताई गई थी। यह प्रस्ताव पहले ही चर्चा में था क्योंकि यह ऊर्जा इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी मांग मानी जा रही थी।
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कैसे हुआ प्रस्ताव में बदलाव

ARR प्रस्ताव की सार्वजनिक स्वीकृति के बाद अब पावर कॉर्पोरेशन ने इस 30 प्रतिशत औसत वृद्धि को श्रेणीवार बांट दिया है और विभिन्न श्रेणियों में अलग-अलग इजाफा प्रस्तावित किया है। इससे आम उपभोक्ताओं पर प्रभाव और अधिक पड़ने की आशंका है। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र, जहां पहले से ही बिजली की उपलब्धता सीमित है, वहां यह बढ़ोतरी लोगों के जीवन पर सीधा असर डालेगी।

पूर्व में भी खारिज हुआ था ऐसा प्रयास

यह पहला मौका नहीं है जब सुनवाई तय होने के बाद नया प्रस्ताव दाखिल किया गया है। पूर्व में भी विद्युत नियामक आयोग में सुनवाई शुरू हो जाने के बाद इसी तरह से श्रेणीवार दर वृद्धि का प्रस्ताव दाखिल किया गया था, जिसे उपभोक्ता परिषद के विरोध के बाद खारिज कर दिया गया था।
UP Electricity

उपभोक्ता परिषद ने जताया विरोध

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इस प्रस्ताव पर तीव्र प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव आम जनता की जेब पर सीधा हमला है और इसका उद्देश्य निजी बिजली कंपनियों को लाभ पहुंचाना है। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान में अडानी, टाटा, एनपीसीएल, टोरेंट जैसी कंपनियों द्वारा राज्य की बिजली कंपनियों को खरीदने की तैयारी चल रही है और यह प्रस्ताव उन्हें खुश करने की रणनीति का हिस्सा है। वर्मा ने नियामक आयोग पर भी पक्षपात के आरोप लगाए और कहा कि आयोग उपभोक्ताओं के बजाय कंपनियों के पक्ष में खड़ा नजर आ रहा है।
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नई बिजली कनेक्शन दरों में भी बढ़ोतरी का प्रस्ताव

यूपीपीसीएल ने न केवल उपभोक्ता दरों बल्कि नए बिजली कनेक्शन की दरों में भी बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है। उपभोक्ता परिषद का कहना है कि यह निजी घरानों को सीधा लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

जनता की प्रतिक्रिया और संभावित प्रभाव

इस खबर के सामने आने के बाद से आम जनता में आक्रोश है। बिजली की दरों में इतनी भारी बढ़ोतरी से घरेलू बजट पर गहरा असर पड़ेगा। महंगाई के इस दौर में बिजली जैसी अनिवार्य सेवा को और महंगा करना सरकार की जनहितकारी छवि पर भी प्रश्नचिन्ह लगा सकता है।
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7 जुलाई को नियामक आयोग द्वारा सार्वजनिक सुनवाई आयोजित की जाएगी, जिसमें सभी पक्ष – उपभोक्ता, परिषद, पावर कॉर्पोरेशन और स्वतंत्र विशेषज्ञ – अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। यदि आयोग इस श्रेणीवार वृद्धि प्रस्ताव को स्वीकार करता है, तो आने वाले महीनों में बिजली की दरों में ऐतिहासिक इजाफा देखने को मिल सकता है।

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