UP Heat wave: मौसम का बदलाव : पूर्वी नम,दक्षिणी गर्म, लखनऊ समेत कई जिलों में 9-11 जून लू का कहर, जारी हुई चेतावनी
UP Heat Wave Alert: उत्तर प्रदेश में सक्रिय मौसमी तंत्रों के समाप्त होते ही तापमान में तेजी से वृद्धि हुई है। प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में 9-11 जून के बीच लू चलने की संभावना है। प्रयागराज और आगरा में तापमान 43°C से ऊपर पहुंच गया। 11 जून से वर्षा से राहत मिलने के आसार हैं।
फोटो सोर्स : Google: पूर्वी उत्तर प्रदेश में वर्षा के नए दौर से तापमान में गिरावट के आसार, लखनऊ मंडल रहेगा गर्म
UP Weather Forecast: जून के पहले पखवाड़े में उत्तर प्रदेश एक बार फिर भीषण गर्मी की चपेट में आता दिख रहा है। प्रदेश में सक्रिय मौसमी तंत्रों के प्रभाव के समाप्त होते ही मौसम एक बार फिर शुष्क होता चला गया है। इसके चलते विकिरणीय ऊष्मन (Radiative Heating) में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे प्रदेश के दक्षिणी भागों में तापमान में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है। शनिवार को प्रदेश के दोनों मौसम उप-प्रभागों के दक्षिणी हिस्सों में अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। प्रयागराज 43.8 डिग्री सेल्सियस के साथ प्रदेश का सबसे गर्म शहर रहा, जबकि आगरा 43 डिग्री सेल्सियस के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
मौसम विभाग के अनुसार आगामी 9 से 11 जून के बीच दक्षिणी उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड, विंध्याचल तथा उससे सटे क्षेत्रों में लू (Heatwave) का एक छोटा किंतु तीव्र स्पेल चलने की संभावना है। इसके पीछे मुख्य कारण हैं – बढ़ती संवेदी ऊष्मन, गर्म पछुआ हवाओं (Hot Westerlies) का प्रभाव तथा ऊपरी क्षोभमंडल में बना प्रतिचक्रवात (Anticyclone), जो तापमान को और ऊपर ले जाएगा।
विकिरणीय ऊष्मन और पछुआ हवाओं ने बढ़ाई गर्मी
प्रदेश में बीते सप्ताह सक्रिय मौसमी तंत्रों – जैसे पश्चिमी विक्षोभ, बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी युक्त हवाओं – के चलते आंशिक वर्षा और बादलों के कारण तापमान में कुछ गिरावट दर्ज की गई थी। लेकिन जैसे ही यह मौसमी तंत्र कमजोर पड़े, आसमान पूरी तरह साफ हो गया। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार साफ आसमान के चलते सूर्य की किरणें सीधे धरातल पर पड़ रही हैं, जिससे विकिरणीय ऊष्मन में तीव्र बढ़ोत्तरी हुई है। साथ ही, सतही पछुआ हवाएं प्रदेश के पश्चिमी एवं दक्षिणी भागों में प्रबल हो गई हैं। इन हवाओं के कारण वायुमंडलीय नमी में गिरावट आई है, जिससे तपिश और अधिक महसूस हो रही है।
बुन्देलखण्ड और विंध्याचल के इलाकों में सबसे ज्यादा असर
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ताजा चेतावनी के अनुसार बुन्देलखण्ड (झांसी, महोबा, हमीरपुर, चित्रकूट, बांदा) तथा विंध्याचल (मिर्जापुर, सोनभद्र) क्षेत्र के कई हिस्सों में 9 से 11 जून के दौरान लू चल सकती है। लू की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक बढ़ जाता है, अथवा मैदानी इलाकों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक दर्ज किया जाता है। फिलहाल इन इलाकों में तापमान पहले ही 43 डिग्री के करीब पहुंच चुका है। IMD का अनुमान है कि आने वाले दो से तीन दिनों में तापमान में और 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है, जिससे लू की स्थिति बनना तय है।
मौसम विभाग और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने आम नागरिकों को लू के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी है। दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक घर से बाहर निकलने से बचने, हल्के और ढीले कपड़े पहनने तथा पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की अपील की गई है। विशेषकर बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों के लिए यह समय बेहद संवेदनशील माना जा रहा है।
11 जून से राहत की उम्मीद
हालांकि यह लू का स्पेल बहुत लंबा नहीं रहेगा। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 11 जून से प्रदेश में हवाओं के रुख में बदलाव आना शुरू होगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश में पुरवा हवाओं (Moist Easterlies) का प्रभाव बढ़ेगा, जिससे नमी युक्त हवाओं का प्रवाह शुरू होगा। इसके कारण वर्षा की एक नई श्रृंखला पूर्वी जिलों से प्रारंभ होकर धीरे-धीरे पश्चिमी हिस्सों की ओर बढ़ेगी। जैसे ही यह वर्षा प्रदेश में सक्रिय होगी, तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आने की संभावना है। इसके परिणामस्वरूप 11 जून के बाद लू जैसी स्थितियों से राहत मिलने की उम्मीद है।
वहीं दूसरी ओर प्रदेशवासियों की नजर अब मानसून के आगमन पर टिकी है। सामान्यतः उत्तर प्रदेश में मानसून 15-20 जून के बीच प्रवेश करता है। फिलहाल के मौसमी संकेतों के अनुसार, केरल में मानसून ने दस्तक दे दी है और धीरे-धीरे उत्तर भारत की ओर बढ़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि बंगाल की खाड़ी में आगामी सप्ताह में कोई नया मौसमी सिस्टम विकसित होता है, तो मानसून की प्रगति तेज हो सकती है। फिलहाल 11 जून के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश में वर्षा के साथ मानसूनी गतिविधियां प्रारंभ होने की संभावना है।
मौसम वैज्ञानिक डॉ. वी.के. शर्मा के अनुसार, “बीते कुछ दिनों में साफ आसमान और सूखी पछुआ हवाओं के कारण प्रदेश के तापमान में अचानक बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान में जो प्रतिचक्रवातीय सिस्टम बना हुआ है, वह अगले दो दिनों में कमजोर पड़ेगा। 11 जून से पुरवा हवाएं प्रभावी होंगी, जिससे वर्षा की शुरुआत और तापमान में गिरावट होगी।”