यूपी पंचायत चुनाव 2026, लोकतंत्र की नींव पर ‘सत्ता का सेमीफाइनल’
UP Panchayat Elections 2026: यूपी में पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य 18 जुलाई से शुरू होगा। अंतिम मतदाता सूची 15 जनवरी 2026 को जारी की जाएगी। मार्च-अप्रैल 2026 तक पंचायत चुनाव कराए जाएंगे।
पंचायत चुनाव 2026 की तैयारी औपचारिक रूप से शुरू हो चुकी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही यह साफ हो गया है कि प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव अब धीरे-धीरे निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ रहे हैं। माना जा रहा है कि 2026 की शुरुआत से पंचायत चुनावी बिगुल बज जाएगा, और इसका सीधा असर 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी देखने को मिलेगा।
राज्य निर्वाचन आयुक्त राज प्रताप सिंह के अनुसार, 18 जुलाई 2024 से मतदाता सूची के पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसमें ग्राम पंचायतों के सीमांकन, समायोजन और विलोपन जैसे तकनीकी पहलुओं को शामिल किया जाएगा। बीएलओ यानी बूथ लेवल ऑफिसर्स घर-घर जाकर मतदाता जानकारी एकत्र करेंगे, और 1 जनवरी 2025 को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले युवा पहली बार मतदाता सूची में शामिल होंगे।
ऐसे चलेगा पुनरीक्षण का शेड्यूल
मतदाता सूची पुनरीक्षण के तहत निर्वाचक गणना पत्रक के आधार पर परिवर्तन, संशोधन की अवधि 30 सितंबर से छह अक्तूबर तक होगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त राज प्रताप सिंह के मुताबिक, किसी ग्राम पंचायत का आंशिक भाग अन्य ग्राम पंचायत या नगर निकाय में समाहित होने पर विलोपन एवं मतदाता सूची प्रिंट कराने की कार्रवाई और बीएलओ, पर्यवेक्षकों को कार्य आवंटन जानकारी, प्रशिक्षण के साथ स्टेशनरी वितरण 18 जुलाई से 13 अगस्त तक होगा। प्रदेश भर में बीएलओ घर-घर जाकर गणना, सर्वेक्षण, हस्तलिखित पांडुलिपि तैयार करने की अवधि के अलावा एक जनवरी 2025 को 18 वर्ष आयु पूरी करने वाले अर्ह व्यक्तियों के नाम सूची में 14 अगस्त से 29 सितंबर तक जोड़े जाएंगे। ऑनलाइन आवेदन की अवधि 14 अगस्त से 22 सितंबर तक होगी। ऑनलाइन आवेदन फॉर्मों की घर-घर जाकर जांच प्रक्रिया 23 से 29 सितंबर तक होगी।
25 नवंबर से 4 दिसंबर: मतदान केंद्रों और वार्डों की मैपिंग
मतदाता सूची पुनरीक्षण के तहत निर्वाचक गणना पत्रक के आधार पर परिवर्तन, संशोधन की अवधि 30 सितंबर से छह अक्तूबर तक होगी। कंप्यूटरीकृत पांडुलिपियां तैयार करने का कार्य सात अक्तूबर से 24 नवंबर तक होगा। मतदान केंद्रों व स्थलों के क्रमांकन, मतदाता क्रमांकन, वार्डों की मैपिंग का कार्य 25 नवंबर से चार दिसंबर तक होगा। पांच दिसंबर को अनन्तिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा।
एक जनवरी 2025 को 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले युवाओं के दावे व आपत्तियां स्वीकार करने का कार्य छह दिसंबर से 12 दिसंबर तक किया जाएगा। दावे व आपत्तियों का निस्तारण 13 दिसंबर से 19 दिसंबर तक होगा। सूचियों की कंप्यूटरीकरण की तैयारी व उन्हें मूल सूची में यथा स्थान सम्मिलित करने की कार्यवाही 24 दिसंबर से लेकर आठ जनवरी 2026 तक होगी। मतदाता सूची को डाउनलोड व उसकी फोटो प्रतियां तैयार करने का कार्य नौ जनवरी से 14 जनवरी 2026 तक किया जाएगा। वहीं अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 15 जनवरी 2026 तक किया जाएगा।
पंचायत चुनाव: राजनीतिक दलों की असली परीक्षा
यूपी पंचायत चुनाव को केवल स्थानीय निकाय चुनाव समझना भूल होगी। यह चुनाव एक तरह से सत्ता का सेमीफाइनल बनकर सामने आ रहा है। 2027 विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों को जमीनी ताकत आजमाने का यह पहला बड़ा मौका होगा।
सत्तारूढ़ भाजपा जहां पंचायत स्तर पर अपने संगठन की मजबूती दिखाने की कोशिश करेगी, वहीं विपक्षी दल जैसे सपा, कांग्रेस, बसपा और आरएलडी इस चुनाव को अपने पुनरुत्थान का आधार बनाना चाहेंगे। खास बात यह है कि पंचायत चुनाव में दल सीधे तौर पर नहीं उतरते, लेकिन समर्थित उम्मीदवारों के जरिए संगठन की ताकत का परिक्षण जरूर होता है।
नए वोटर बन सकते हैं गेमचेंजर
2026 पंचायत चुनाव में लाखों नए वोटर पहली बार मतदान करेंगे। 1 जनवरी 2025 तक 18 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले युवाओं को मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा। इससे साफ है कि युवाओं की भागीदारी इस चुनाव में निर्णायक साबित हो सकती है।
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