‘सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही सूचनाएं निराधार’
डीजीपी ने कहा कि सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही ऐसी सूचनाएं निराधार हैं और इनका खंडन करने के लिए संबंधित जिलों की पुलिस पहले ही आंकड़े जारी कर चुकी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में ऐसी कोई गलत सूचना फैलाई जाती है, तो हम उसकी सच्चाई सामने लाएंगे। उन्होंने दावा किया कि पुलिसकर्मियों की तैनाती प्रदेश के सभी जिलों में निर्धारित मानकों के अनुरूप की गई है। उन्होंने पुलिस व्यवस्था पर अनावश्यक सवाल नहीं उठाने की अपील भी की।
सोशल मीडिया पर भी जवाब
वहीं दूसरी ओर अखिलेश के दावों के जवाब में आगरा पुलिस कमिश्नरेट ने आंकड़े जारी कर बताया कि उनके यहां 39 प्रतिशत ओबीसी और 18 प्रतिशत एससी वर्ग के थानेदार तैनात हैं, जबकि ओबीसी के लिए मानक केवल 27 प्रतिशत है। मैनपुरी पुलिस ने भी खुलासा किया कि उनके जिले में 31 प्रतिशत ओबीसी और 19 प्रतिशत एससी वर्ग के थानेदार कार्यरत हैं। चित्रकूट पुलिस के मुताबिक उनके 12 थानों में से 3 में ओबीसी, 2 में एससी-एसटी और 7 में अन्य वर्ग के थानाध्यक्ष तैनात हैं। प्रयागराज पुलिस ने भी अखिलेश के पोस्ट पर जवाब देते हुए उसे असत्य बताया है। प्रयागराज पुलिस ने बयान दिया कि थाना प्रभारी की नियुक्ति के लिए कर्तव्यनिष्ठा, सत्यनिष्ठा, सामाजिक सद्भाव व जन शिकायतों के प्रति संवेदनशीलता के आधार पर योग्य कर्मचारियों का चयन किया जाता है। प्रयागराज में तैनात लगभग 40 प्रतिशत थाना प्रभारी ओबीसी और एससी-एसटी वर्ग से हैं। इन पदों पर नियुक्ति एक निष्पक्ष प्रक्रिया के द्वारा की जाती है।