UP में अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति, 232 से अधिक अपराधी ढेर, 12,000 गिरफ्तार
Zero Tolerance Against Crime in UP: उत्तर प्रदेश में अपराध और अपराधियों के खिलाफ योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति जारी है। अब तक 232 से अधिक अपराधी पुलिस मुठभेड़ों में मारे गए और 12,000 से अधिक गिरफ्तार किए गए हैं। सरकार ने माफियाओं की 2000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर अपराध के खिलाफ सख्त कार्रवाई का संदेश दिया है।
UP Crime Policy: उत्तर प्रदेश में अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। प्रदेश में अब तक 232 से अधिक अपराधी पुलिस मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं, जबकि 12,000 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। यह कार्रवाई यह दर्शाती है कि उत्तर प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था को लेकर कोई समझौता करने के मूड में नहीं है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अपराध और अपराधियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में माफिया राज और गुंडागर्दी के लिए कोई जगह नहीं है। अपराधियों के खिलाफ निरंतर अभियान चलाकर उन्हें जेल भेजा जा रहा है। डीजीपी के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश में अपराध दर में भारी गिरावट आई है। पुलिस ने मुठभेड़ों के दौरान न केवल अपराधियों का सफाया किया, बल्कि संगठित अपराध के नेटवर्क को भी ध्वस्त किया है।
अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की भी कार्रवाई तेज
सरकार अपराधियों के खिलाफ सिर्फ मुठभेड़ों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उनके अवैध साम्राज्य को भी ध्वस्त कर रही है। अब तक प्रदेश में 2000 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्तियों को जब्त या ध्वस्त किया जा चुका है। यह कार्रवाई उन माफियाओं और अपराधियों के खिलाफ की जा रही है, जिन्होंने गैरकानूनी तरीकों से अपनी संपत्ति बनाई थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों (डीएम) और पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को साफ निर्देश दिए हैं कि वे ईमानदारी से काम करें। यदि किसी भी अधिकारी पर भ्रष्टाचार या लापरवाही की शिकायत मिलती है, तो उसे तत्काल निलंबित कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कानून का शासन स्थापित करना सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
शिक्षा के क्षेत्र में भी योगी सरकार का बड़ा कदम
अपराध पर सख्ती के साथ-साथ योगी सरकार शिक्षा व्यवस्था को भी सुदृढ़ करने के लिए कड़े कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोई भी स्कूल बिना अध्यापक के नहीं होना चाहिए। सरकार शिक्षा के लिए हर संभव संसाधन उपलब्ध करा रही है और शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए जल्द ही नई भर्तियों की प्रक्रिया शुरू होगी। मुख्यमंत्री ने कहा, “शिक्षा के क्षेत्र में सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है। सभी विद्यालयों में अध्यापक उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।”
डीएम और एसपी को ईमानदारी से कार्य करने की सख्त हिदायत।
स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश।
शिक्षा के क्षेत्र में बड़े सुधार के लिए फंड की कोई कमी नहीं।
पुलिस और प्रशासन की मुस्तैदी बढ़ी
योगी सरकार की सख्ती के चलते पुलिस विभाग भी पूरी तरह से मुस्तैद है। गश्त बढ़ाई गई है और अपराधियों की धरपकड़ के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है। यूपी पुलिस की एंटी-गैंगस्टर और एंटी-माफिया टीम लगातार सक्रिय है और अपराधियों को पकड़ने के लिए तकनीक का सहारा लिया जा रहा है।
अपराध पर सख्ती से जनता में बढ़ा भरोसा
प्रदेश में अपराध के खिलाफ सख्त कार्रवाई के चलते जनता में सरकार के प्रति भरोसा बढ़ा है। व्यापारियों, किसानों और आम नागरिकों को पहले की तुलना में ज्यादा सुरक्षित महसूस हो रहा है। अपराध पर लगाम लगने से प्रदेश में निवेश बढ़ा है और कई बड़ी कंपनियां उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए आगे आ रही हैं।
योगी आदित्यनाथ की सरकार अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत लगातार कड़े कदम उठा रही है। मुठभेड़ों में अपराधियों को मार गिराने और अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई से साफ है कि सरकार अपराधियों के खिलाफ पूरी तरह से सख्त है। साथ ही, शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार बड़े कदम उठा रही है। यूपी में कानून का राज कायम करने के लिए सरकार का यह अभियान जारी रहेगा।
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