2024 में थाना करहल में दर्ज हुई थी घटना
एडीजीसी राकेश कुमार गुप्ता ने इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह समाज में एक सख्त संदेश भेजेगा। उन्होंने कहा कि यह घटना 2024 में थाना करहल में पंजीकृत हुई थी, जब अज्ञात अवस्था में एक युवक का शव तालाब के किनारे मिला था। इसके बाद, मृतक के पुत्र ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विवेचना के दौरान, तीन अभियुक्तों के नाम सामने आए, जिनमें से महिला आरोपी मनु, अभय उर्फ भूरा और एक अन्य शामिल था। वीडियो के आधार पर सुनाई फांसी की सजा
एडीजीसी राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि न्यायालय में पेश किए गए साक्ष्यों और वीडियो के आधार पर मनु और अभय उर्फ भूरा को दोषी ठहराया गया। मनु के बारे में पता चला था कि वह लोगों को ब्लैकमेल करने का काम करती थी। वह वीडियो बनाकर धमकी देती थी और पैसे की वसूली करती थी। विवेचना के दौरान, मृतक का वीडियो भी उसके मोबाइल से बरामद हुआ, जिसमें हत्या की घटना को दिखाया गया था।
उन्होंने कहा, “इस केस में न्यायालय ने यह साबित कर दिया कि समाज में ऐसे अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है, जो अपने स्वार्थ की खातिर दूसरों को प्रताड़ित करते हैं। अपर जिला न्यायाधीश जहन पाल सिंह के द्वारा दिया गया यह फैसला न केवल दोषियों के लिए एक सख्त सजा है, बल्कि यह समाज में एक संदेश भी देता है कि ऐसी घटनाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”