कलेक्टर कार्यालय के अंतर्गत आने वाले सभी 65 विभागों का वर्तमान का डाटा अपलोड कर दिया गया है। अब पुराने रेकार्ड को अपलोड किया जा रहा है। हांलाकि इसमें समस्या आ रही है। लेकिन तीन माह में यह कार्य पूरा हो जाएगा।
बाहरी हस्तक्षेप और भ्रष्टाचार रुकेंगे
कई बार सुनने में आता है कि फाइल को बढ़ाने के लिए रुपए भी लगते है। या कमीशन दलालों को देना पड़ता है। इस प्रणाली से इस पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। इसके अलावा किसी की भी फाइल बाहरी हस्तक्षेप से देरी करवाने या जल्दी करवाने पर भी रोक लग जाएगी। इसका सीधा फायदा आमजन को होगा। आसपास के जिलों में सबसे पहले मंदसौर जिले में ई ऑफिस कलेक्टर कार्यालय हुआ है। ये भी पढ़ें:
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कलेक्टर कार्यालय ई ऑफिस होने से कई फायदें सीधे आमजन को मिलेगें। इस प्रणाली से फाइल मैनेजमेंट सही रुप से होगा। तो फाइल मूवमेंट हो रही है या नहीं इसको भी देखा जा सकेगा। फाइल सहित अन्य कार्यों पर पूर्ण रुप से निगरानी सीधे रुप से कलेक्टर की रहेगी। इसमें अधिकारियों और कर्मचारियों का कार्य भी तेजी से होगा। ऐसे में किसी भी कार्य का अधिक देरी नहीं लगेगी।
क्या है इनका कहना.. ई ऑफिस के अंतर्गत सभी 65 विभाग का डाटा अपलोड हो गया है। पूराने रेकार्ड का अपलोड करने में थोड़ा समय लगेगा। इस प्रणाली से फाइल मैनजेमेंट, फाइलों पर निगरानी, फाइलों के मूवमेंट को देखा जा सकेगा। इससे गति से कार्य होगा। अदिति गर्ग, कलेक्टर मंदसौर।