क्या है पूरा मामला?
सितंबर 2023 में मंदसौर की रहने वाली ललिता बाई अचानक लापता हो गई थी। कुछ समय बाद झाबुआ में एक अज्ञात महिला का शव मिला, जिसे ललिता के परिजनों ने पहचान लिया और अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस ने इस हत्या के आरोप में चार युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लेकिन 18 महीने बाद 11 मार्च 2025 को ललिता अचानक अपने घर लौट आई, जिससे परिजन खुश तो हुए, लेकिन पुलिस की परेशानी बढ़ गई। अब सवाल यह उठता है कि झाबुआ में जिस महिला का अंतिम संस्कार किया गया था, वह आखिर कौन थी?
ललिता ने बताई अपनी आपबीती
ललिता के अनुसार, वह अपनी मर्जी से शाहरुख नाम के युवक के साथ भानपुरा चली गई थी। लेकिन दो दिन बाद ही एक अन्य शाहरुख नामक व्यक्ति को उसे पांच लाख रुपये में बेच दिया गया। इसके बाद वह 18 महीने तक राजस्थान के कोटा शहर में रही। इस दौरान उसे कोई मोबाइल नहीं दिया गया, जिससे वह किसी से संपर्क नहीं कर सकी। उसने कई बार भागने की कोशिश की और आखिरकार उसे मौका मिला और वह वापस अपने घर पहुंच गई। पुलिस जांच में उलझी, चार्जशीट भी हो चुकी
इस पूरे मामले में पुलिस पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है और चार युवकों को हत्या के आरोप में जेल भेजा जा चुका है। अब पुलिस इस गुत्थी को सुलझाने में जुटी है कि –
- झाबुआ में मिली लाश आखिर किसकी थी?
- क्या ललिता की गुमशुदगी और हत्या का कोई संबंध है?
- ललिता को किसने बेचा और इस सौदे के पीछे कौन था?
- जिन चार युवकों को जेल भेजा गया, वे निर्दोष हैं या नहीं?
गांधी सागर थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस इस पूरे घटनाक्रम की बारीकी से जांच कर रही है। ललिता के परिजन आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के साथ पुलिस के पास पहुंचे और महिला की पहचान की पुष्टि की। अब इस मामले में डीएनए जांच और अन्य फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर सच्चाई सामने आने की उम्मीद है। लेकिन फिलहाल, यह मामला पुलिस और प्रशासन के लिए एक गहरी पहेली बना हुआ है।