उसके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है, जिसकी वजह से लकवा भी हो सकता है औऱ बच्चा जीवनभर के लिए अपाहिज़ हो सकता है।
यह दवा पाँच वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के लिये आवश्यक है। यह दवा जन्म के समय, छठे, दसवें व चौदहवें सप्ता्ह में दी जाती है इसके बाद 16 से 24 माह की आयु में बूस्टर की खुराक नियमित टीकाकरण के तहत दी जाती है साथ ही जन्म से उसे 5 साल की उम्र के बीच जितने भी पोलिओ अभियान चलते है उसमे उसे हर बार पोलिओ ड्राप की अतिरिक्त खुराक दी जाती है।
पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों को बार-बार खुराक पिलाने से पूरे क्षेत्र में इस बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ती है, जिससे पोलियो के विषाणु को पनपने से रोका जा सकता है।
बार बार दवा की खुराक पिलाना इस लिए भी आवश्यक है की हमारे पडोसी मुल्क पाकिस्तान और अफगानिस्तान मे पिछले वर्षों की तुलना में लगभग दोगुने केस पोलियो से संक्रमित होने के रिपोर्ट मिले है जिसके कारण इस बीमारी के हमारे देश में भी फैलने का खतरा है, जिसके लिए हमारे बच्चो को पोलियो ड्राप बार बार पिलाने की आवश्यकता है।