एटीएस सूत्रों के अनुसार, शेख मुद्दस्सीर की सऊदी अरब के कुछ संदिग्ध व्यक्तियों से लगातार बातचीत होती रही है। मोबाइल कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर), व्हाट्सएप चैट्स, जब्त सिम कार्ड और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेनदेन से कई अहम सुराग हाथ लगे हैं।
जांच में यह भी सामने आया है कि शेख मुद्दस्सीर न केवल देश से फरार होने की तैयारी में था, बल्कि विदेश में बैठकर संभावित आपराधिक गतिविधियों के लिए मदद जुटाने की योजना भी बना रहा था।
सुरक्षा एजेंसियां अब यह पता लगाने में लगी हैं कि उसके फर्जी पासपोर्ट, आधार, पैन और अन्य दस्तावेजों को तैयार कराने में किन-किन लोगों की भूमिका रही। जैतपुरा थानाध्यक्ष बृजेश मिश्रा ने बताया कि शेख मुद्दस्सीर के साथ-साथ दस्तावेजों के फर्जीवाड़े में कई अन्य लोगों की संलिप्तता की आशंका है।
एटीएस ने मऊ पुलिस से शेख मुद्दस्सीर के खिलाफ दर्ज पुराने नौ आपराधिक मुकदमों की पूरी जानकारी मांगी है। इन मामलों में गंभीर आरोप शामिल हैं, जिनकी पड़ताल कर उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि और नेटवर्क की परतें खोली जा रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक, एटीएस की रिपोर्ट के आधार पर अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और विदेश मंत्रालय को रिपोर्ट भेजने की तैयारी चल रही है, ताकि आरोपी के विदेश दौरों, धन के स्रोत और पासपोर्ट प्रक्रिया में हुई चूक की जिम्मेदारी तय की जा सके।