प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मामला शहर कोतवाली क्षेत्र से जुड़ा है। सहादतपुर निवासी सूर्यनाथ यादव ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके रिश्तेदार भानु प्रताप, जो मुंबई में नौकरी करते हैं, उनकी रिवाल्वर लाइसेंस वाली आईडी का दुरुपयोग कर किसी ने सिम कार्ड लिया है। जब इसकी जानकारी ली गई तो पता चला कि एक पीसीओ संचालक ने किसी अजनबी को सिम कार्ड बेचा, जिसमें फोटो तो किसी और का था लेकिन नाम भानु प्रताप का था।
जांच में सामने आए दोनों आरोपी
पुलिस ने इस मामले की जांच के बाद पाया कि यह फर्जीवाड़ा सरायलखंसी थाना क्षेत्र के कैथवली गांव निवासी रमेश सिंह काका और जावेद आजमी ने मिलकर किया था। दोनों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया। मामले में कुल 7 गवाहों की गवाही के आधार पर अभियोजन अधिकारी हरेंद्र सिंह ने कोर्ट में मजबूत पक्ष रखा।सीजेएम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दोनों आरोपियों को दोषी माना। सुनवाई के वक्त जावेद आजमी अदालत में मौजूद था, जिसे तुरंत न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया गया। वहीं, पूर्व ब्लॉक प्रमुख रमेश सिंह काका कोर्ट में पेश नहीं हुआ, इसलिए उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर दिया गया है। अब अदालत 3 जून को सजा के बिंदु पर फैसला सुनाएगी।