डेढ़-दो साल के देखे जाएंगे रिकॉर्ड
पीयूष शर्मा ने बताया कि इस बात की जांच की जा रही है कि मुस्कान ने किस तरह की दवाएं खरीदी थीं। ये दवाएं डॉक्टर द्वारा लिखी गई थीं या ‘ओवर द काउंटर’ दी गई थीं। मिडजोलम इंजेक्शन के बारे में बताया गया है कि वह डॉक्टर का पर्चा लेकर आई थी। अभी एक सप्ताह के नहीं, पिछले डेढ़-दो साल के रिकॉर्ड देखे जा रहे हैं।
खंगाले गए रिकॉर्ड्स
उन्होंने बताया कि अगर बिना पर्चे के किसी मेडिकल स्टोर ने दवा दी है तो इतना जघन्य अपराध हुआ है कि आप भी उसमें शामिल माने जाएंगे और मुकदमा भी होगा। इसके अलावा, मेडिकल स्टोर का लाइसेंस जरूर रद्द किया जाएगा। नशे की दवा कोई नहीं बेच सकता है। यहां तक बेहोशी की दवा भी केवल अस्पताल में होती है। एंटी डिप्रेशन की दवा देते समय मेडिकल स्टोर को रिकॉर्ड रखना होता है। टीम में दो ड्रग इंस्पेक्टर और अन्य कर्मचारी थे जिन्होंने सभी प्रकार के रिकॉर्ड और कंप्यूटरों की जांच की। मेडिकल स्टोर संचालक ने क्या कहा?
मेडिकल स्टोर संचालक अमित जोशी ने बताया कि मुस्कान यहां कब और क्या दवा खरीद कर ले गई, यह बता पाना मुश्किल है क्योंकि यह बहुत दिन पुरानी की बात हो गई है। उन्हें पुलिस से पता चला कि वह यहां से दवा ले गई है। मोबाइल पर पर्चा दिखाकर वह दवा ले गई है, लेकिन क्या-क्या दवा ले गई, यह बता पाना बहुत कठिन है। डॉक्टर का पर्चा था। उसके बिना स्टोर पर दवा नहीं दी जाती है। उन्होंने कहा कि वह विभाग की जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं।