भारी मात्रा में मिले थे हथियार और विस्फोटक
उल्फत हुसैन जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के सूरनकोट थाना क्षेत्र के फजालाबाद का निवासी है। उसके साथ पुलिस ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से तीन अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया था जिनमें मुरादाबाद के मूंढापांडे क्षेत्र के सट्टू नगला से मो. तकी उर्फ कारी तकी, नागफनी थाना क्षेत्र के झब्बू का नाला से मो. रिजवान और रामपुर जिले के मिलक खानम थाना क्षेत्र से जफर आलम शामिल हैं। पुलिस ने इन चारों की निशानदेही पर भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए थे।
जमानत मिलने पर हो गया था फरार
2002 में पकड़े जाने के बाद उल्फत हुसैन को 2008 में जमानत मिल गई, लेकिन इसके बाद वह फरार हो गया। अदालत में लगातार गैरहाजिर रहने के कारण वर्ष 2015 में कोर्ट ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया था। इसके बाद वह लंबे समय तक भूमिगत रहा और पुलिस के लिए चुनौती बना रहा। इस साल फिर से मामला सक्रिय हुआ और 5 मार्च 2025 को अदालत ने पुनः गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इसके बाद मुरादाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने उल्फत हुसैन की गिरफ्तारी पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित कर दिया। आखिरकार, 7 मार्च 2025 को मुरादाबाद पुलिस और एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में उसे जम्मू-कश्मीर के पुंछ क्षेत्र से दबोच लिया गया।
दस वर्ष की सजा और अर्थदंड
गिरफ्तारी के बाद केस की सुनवाई मुरादाबाद में हुई, जहां साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने उल्फत को दोषी ठहराते हुए दस वर्ष की सजा और अर्थदंड सुनाया। पुलिस अब मामले के अन्य आरोपियों के संबंध में आगे की कार्रवाई कर रही है। यह फैसला आतंकवाद के खिलाफ सख्ती की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।