बच्चियां गर्मी से राहत के लिए उतरी थीं तालाब में
मंगलवार शाम करीब पांच बजे गांव की चार बच्चियां – उजमा (10 वर्ष), निकहत (8 वर्ष), आराध्या उर्फ प्रियांशी (8 वर्ष), और सतपाल की बेटी प्रियांशी (9 वर्ष) – जंगल में पशुओं का चारा लेने गई थीं। गर्मी अधिक होने के कारण चारों पास ही स्थित एक तालाब में नहाने के लिए उतर गईं।
गहराई का अंदाज़ा नहीं था, अचानक डूबने लगीं
जैसे ही चारों बच्चियां पानी में उतरीं, कुछ देर बाद वे गहरे पानी में चली गईं और डूबने लगीं। इस दौरान सतपाल की बेटी प्रियांशी किसी तरह खुद को संभालने में कामयाब रही और तालाब से बाहर निकल आई।
बची हुई बच्ची ने दी गांववालों को जानकारी
तालाब से बाहर निकलते ही घबराई हुई प्रियांशी दौड़कर गांव पहुंची और शोर मचाया। उसकी चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण बड़ी संख्या में मौके की ओर भागे और तालाब के किनारे इकट्ठा हो गए।
दो घंटे की मशक्कत के बाद निकाले गए शव
ग्रामीणों ने बच्चियों को तलाशने की कोशिश की, लेकिन जब सफलता नहीं मिली तो स्थानीय गोताखोरों को बुलाया गया। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तीनों बच्चियों – उजमा, निकहत और आराध्या के शव तालाब से बाहर निकाले गए।
अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने किया मृत घोषित
तीनों बच्चियों को अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हादसे की खबर मिलते ही परिवारों में कोहराम मच गया।
मृत बच्चियां स्कूल में पढ़ती थीं, एक बची
शाकिर की बेटियां उजमा (कक्षा 3) और निकहत (कक्षा 2), तथा सोनू जाटव की बेटी आराध्या (कक्षा 2) में पढ़ती थीं। सतपाल की बेटी प्रियांशी, जो इस हादसे में बच गई, चौथी कक्षा की छात्रा है।
गांव में पसरा मातम, परिवारों का बुरा हाल
घटना के बाद पूरे गांव में मातम छा गया। परिजनों की चीख-पुकार और रुदन से गांव का माहौल गमगीन हो गया। स्थानीय प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायज़ा लिया और परिजनों को सांत्वना दी।