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जिस नगर में गुरुदेव के चरण पड़े हो, वो नगर एक तीर्थ के समान: जैन मुनि

विलोकसागर ने टिकटोली और सौम्य सागर ने आगरा की ओर किया बिहार, ग्रीष्मकालीन अवकाश में बच्चों को संस्कारवान बनाने एवं अपनी संस्कृति से परिचित कराने हेतु आयोजित किए शिविर

मुरैनाJun 05, 2025 / 04:23 pm

Ashok Sharma

अल्प प्रवास पर आए दिगंबर जैन मुनि सौम्यसागर महाराज ने श्री दिगंबर बड़े जैन मंदिर में धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिस नगर में गुरुदेव भगवान विद्यासागर महाराज के चरण पड़े हो, वो नगर एक तीर्थ के समान है। इतना ही नहीं गुरुदेव के कर कमलों से यहां श्री मानस्तंभ की प्राण प्रतिष्ठा भी हुई है। तब तो वास्तविक रूप से मुरैना नगर एक तीर्थ के समान ही है। जिस नगर में गुरुदेव आचार्य का आगमन हुआ हो वहां कुछ समय रुककर धर्म प्रभावना करना, मेरा हक भी है और अधिकार भी है।
जैन मुनि ने कहा कि मुरैना वह नगरी है जहां से आचार्य सुमति सागर और आचार्य ज्ञानसागर जैसे तपस्वी संत हुए हैं।, आप सभी लोग पुण्यशाली आत्मा है, आप सभी को पूर्व से ही विराजमान युगल मुनिराजों का सन्निध्य मिला हुआ है। ध्यान रखना गुरुओं के वचन और आशीर्वाद जब फलीभूत होते है तब आपके सारे दुख दर्द दूर हो जाते है और आपका जीवन मंगलमय हो जाता है। धर्म सभा के शुरू में जैन समाज के श्रावक श्रेष्ठियों ने मंचासीन मुनिराजों का पाद प्रक्षालन करते हुए शास्त्रादि भेंट किए। धर्म सभा को मुनिराज विलोकसागर, मुनि विवोध सागर, मुनि निश्चल सागर महाराज ने संबोधित करते हुए सभी को धर्मबुद्धि का आशीर्वाद प्रदान किया।

मुनि विलोक सागर का टिकटोली की ओर हुआ बिहार

नगर में लगभग 40 दिन से धर्म प्रभावना कर रहे मुनि विलोक सागर एवं मुनि विबोध सागर ने अतिशय क्षेत्र टिकटोली की ओर मंगल पद विहार किया। टिकटोली के अध्यक्ष राजेंद्र भंडारी ने कमेटी के साथ युगल मुनिराजों को श्रीफल भेंट कर टिकटोली आगमन हेतु निवेदन किया था। मंगलवार को युगल मुनिराजों ने जौरा की ओर पद विहार किया।

शिक्षण शिविर समापन पर बच्चों को किया गया सम्मानित

ग्रीष्मकालीन अवकाश में बच्चों को संस्कारवान बनाने एवं अपनी संस्कृति से परिचित कराने हेतु दस दिवसीय संस्कार शिविरों का आयोजन बड़े जैन मंदिर में किया गया था। कार्यक्रम के शुभारंभ में मुख्य अतिथि राजेंद्र भंडारी व उद्योगपति पवन जैन, मंदिर के अध्यक्ष प्राचार्य अनिल जैन, मंत्री विनोद जैन, प्रेमचंद जैन बंदना साड़ी ने मंचासीन पूज्य मुनिराजों का पाद प्रक्षालन किया। सभी लोगों ने संयुक्त रूप से आचार्य के चित्र का अनावरण कर दीप प्रज्ज्वलित किया। कार्यक्रम का संचालन प्राचार्य वीरेंद्र जैन बाबा एवं अनूप भंडारी द्वारा किया गया। संस्कार शिविरों के क्षेत्रीय प्रभारी विद्वत् नवनीत जैन शास्त्री मुरैना, आशीष जैन शास्त्री ‘मुबई’ द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार पूज्य श्रमण मुनिपुंगव सुधासागर महाराज के आशीर्वाद एवं मुनि विलोकसागर व मुनि विबोध सागर महाराज के पावन सान्निध्य में श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर जयपुर के तत्वावधान में 25 मई से 3 जून तक बड़े जैन मंदिर में संस्कार शिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था। जिसके आज परिणाम घोषित किए गए।

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