ये है पूरा मामला
बदौना एससी-एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है। वहां 3 साल पूर्व जब चुनाव हुआ तो पंचायत सचिव व पटवारी ने थरा गांव की निवासी मनीषा पत्नी कल्याण सिंह कोरी का मूल निवासी व परिवार आई डी बनाकर उसे चुनाव लड़ाया और वह सरपंच बन गई। मनीषा बढ़ौना गांव में न रहकर थरा में रहती है और थरा में इनका बीपीएल कार्ड और जॉब कार्ड भी है। महिला का पूरा परिवार मजदूरी कर रहा है लेकिन बढ़ौना गांव में दबंग लोग उसके नाम से सरपंची कर रहे हैं। मनीषा के नाम की फर्जी आईडी का खुलासा
सरपंच मनीषा शाक्य के नाम से थरा गांव की आईडी बनी है, उसमें पूरे परिवार के नाम हैं, जबकि बढ़ौना गांव में केवल मनीषा शाक्य के नाम से सिंगल आइडी है, जिसमें पति का नाम तक दर्ज नहीं हैं, जबकि नियमानुसार पति के जीवित रहते पत्नी के नाम से सिंगल परिवार आइडी नहीं बनाई जा सकती। बताया जाता है कि पंचायत सचिव ने कूटरचित तरीके से उक्त सिंगल आइडी तैयार की है।
एसपी को की गई शिकायत
बढ़ौना के श्रीलाल जाटव ने जिला पंचायत सीईओ, जिला प्रशासन के अधिकारी व लोकायुक्त एसपी को इसकी शिकायत की है। बताया कि मनीषा सिंह ग्राम थरा की निवासी हैं। थरा ग्राम पंचायत में समग्र आई डी में नाम है तथा बीपीएल में नाम है। थरा में पूरा परिवार कार्ड पर राशन ले रहा है। कूट रचित दस्तावेज तैयार करके अवैधानिक तौर से वोटर लिस्ट पंचायत बडौना में नाम दर्ज कराकर पंचायत चुनाव लड़ा है। चुनाव लड़ाने के लिए बडौना के सचिव प्रमोद सिंह जादौन ने मनीषा के फर्जी आइडी से वोटर कार्ड दिया, परिवार की आइडी बना दी। मनीषा का बढ़ौना में घर नहीं है।