फिल्म: नवरस कथा कोलाज निर्माण: स्वरध्रुपद प्रोडक्शंस निर्देशक एवं मुख्य अभिनेता: प्रवीण हिंगोनिया सह निर्माता: अभिषेक मिश्रा रेटिंग: 3/5 Navras Katha Collage Review: रिलीज होने से पहले ही 58 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी ‘नवरस कथा कोलाज’ सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। लेखक, निर्देशक और अभिनेता प्रवीण हिंगोनिया ने फिल्म में नौ अलग-अलग किरदारों को निभाकर एक नया आयाम स्थापित किया है।
अगर कहानी की बात करें तो यह एक एंथोलॉजी फिल्म है, जो जीवन के नौ रसों को बताती है। ये रस हैं – आनंद, शोक, प्रेम, क्रोध, वीरता, भय, शांति, आश्चर्य और घृणा। सभी कहानियां एक अलग मानवीय रंग को दिखाती हैं।
इस फिल्म की खास बात इसके अदाकार के एक फिल्म में ही नौ किरदार हैं, जो फिल्म देखने के लिए काफी जिज्ञासु भरा है। फिल्म आजकल की फिल्मों से अलग है, यह जीवन के सभी रसों को दिखाती है। प्रवीण हिंगोनिया ने नौ कहानियों के माध्यम से जीवन के सभी पहलुओं को सामने रखा है। हर कहानी लगभग 15-20 मिनट की है, जिसमें एक ही मुख्य कलाकार अलग-अलग भावनाओं को बखूबी निभाता है। फिल्म में कुछ कहानियां गहराई तक छू जाती हैं, तो कुछ में और बेहतर तालमेल की गुंजाइश दिखाई देती है।
फिल्म कोयल (रेवती पिल्लई) की कहानी से शुरू होती है, जिसे एक किन्नर ने गोद लिया है। उसे एक कूड़े के ढेर में छोड़ दिया जाता है। शादी के बाद जब कोयल का पति उसे छोड़ देता है। इसके बाद रूहाना (रूहाना खन्ना) की कहानी आती है, जो बस में हुए अत्याचार का शिकार होती है और बाद में उसके साथ गलत करने वाले भूत बनकर उससे माफी मांगते हैं। घरेलू हिंसा के शिकार लोगों के लिए काम करने वाली महिला की कहानी भी दिल को छूने वाली है। और एक पंजाबी मां (अलका अमीन) की कहानी, जो जासूसी के आरोप में पाकिस्तान में कैद अपने बेटे की तलाश में है।
कैसी है कलाकारों की एक्टिंग
प्रवीण हिंगोनिया का प्रयास सराहनीय है। हालांकि कुछ कहानियां पूर्वानुमेय हैं। और कुछ में अतिरिक्त गहराई की कमी महसूस होती है। अभिनय में भी कुछ जगह सुधार की गुंजाइश दिखती है, लेकिन बावजूद इसके फिल्म के भावनात्मक पहलुओं ने इसे खास बनाया है। कुछ पात्र जैसे शीबा चड्ढा, जो एक टैलेंट प्रतियोगिता की बॉस के रूप में हैं, और राजेश शर्मा अपनी भूमिकाओं में सजीव प्रतीत होते हैं। संगीत, बैकग्राउंड स्कोर, और सिनेमैटोग्राफी फिल्म को और मजबूत बनाते हैं। निर्माता एस.के.एच. पटेल और प्रवीण हिंगोनिया ने अभिषेक मिश्रा के साथ मिलकर इस अभिनव पहल की अगुआई की, जिसे पूरे भारत में व्यापक प्रशंसा मिली है।