Sky Force Review: भारतीय वायु सेना के पायलटों की वीरता और बलिदान को सलाम करती है ‘स्काई फोर्स’
Sky Force Review: अक्षय कुमार की फिल्म स्काई फोर्स रिलीज हो गई है। इसे देखने से पहले यहां पढ़िए इसका रिव्यू। जानिए कैसी है ये मूवी और कैसी है स्टार्स की एक्टिंग।
Sky Force Review: “स्काई फोर्स” सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि ये भारत के वायु सेना के पायलटों की बहादुरी और उनके संघर्ष को एक दिल छूने वाली श्रद्धांजलि है। इस गणतंत्र दिवस पर, ये फिल्म एक ऐसी देशभक्ति का अहसास कराएगी, जिसे आपने कभी महसूस नहीं किया।
अभिषेक अनिल कपूर और संदीप केवलानी की ये फिल्म एक दमदार एक्शन और दिल को छूने वाली भावनाओं का अद्भुत मिश्रण है। “स्काई फोर्स” सिर्फ एक रोमांचक सवारी नहीं, बल्कि ये एक प्रेरणादायक कहानी भी है, जो हमें अपने साथी पायलटों के बलिदान और उनके बीच के अडिग रिश्तों को याद दिलाती है।
“स्काई फोर्स” 1965 के भारत-पाक युद्ध पर आधारित एक जबरदस्त कहानी है, जो भारत के पहले हवाई हमले को बयान करती है, जिसने न केवल युद्ध के परिणाम को बदल दिया, बल्कि भारतीय वायु सेना को एक नई पहचान भी दिलाई। फिल्म की शुरुआत अक्षय कुमार के किरदार, विंग कमांडर के.ओ. आहुजा, के एक गहन पूछताछ से होती है, जिसमें वो एक चौंकाने वाली जानकारी सामने लाते हैं: उनका लापता पायलट विजय (वीर पहारिया), जो पाकिस्तान के सरगोधा एयरबेस पर हमले के दौरान गायब हो गया था, शायद अब भी जिंदा हो सकता है।
“स्काई फोर्स” एक शानदार एक्शन फिल्म होने के साथ-साथ एक ऐसी यात्रा है, जो हमें बलिदान, कर्तव्य और भाईचारे के रिश्तों की असलियत से रूबरू कराती है। फिल्म में मौजूद हर एक इमोशनल मोड़ दर्शकों के दिलों को छू जाने वाले है, और ये बिना किसी फिजूल के ड्रामे के होने वाला है। ये फिल्म पूरी तरह से असल और प्रभावशाली है, जो आपके दिल में हमेशा के लिए बस जाती है।
कहानी के केंद्र में हैं विंग कमांडर के.ओ. आहुजा, जिन्हें अक्षय कुमार ने ओ.पी. तनेजा के रूप में जीवंत किया है। आहुजा एक ऐसे कमांडर हैं, जो हमेशा न्याय के लिए खड़े रहते हैं। अक्षय कुमार फिर से साबित करते हैं कि वे सिनेमा की एक बड़ी शक्ति हैं।
विंग कमांडर के. ओ. आहुजा के रूप में उनकी परफॉर्मेंस न सिर्फ मजबूत और कैची है, बल्कि इमोशंस से भरपूर भी है। जब वे स्क्रीन पर आते हैं, तो उनकी मौजूदगी दर्शकों पर अपना जादू चलाना शुरू कर देती है और इस तरह से सभी उनके किरदार से जुड़ जाते हैं।
कैसी है एक्टिंग
परदे पर सिर्फ अक्षय कुमार ही नहीं चमकते, बल्कि वीर पहाड़िया भी अपनी छाप छोड़ते हैं। अपने डेब्यू में उन्होंने टी. विजय का किरदार निभाया है, जो एक युवा और बागी फाइटर पायलट है। वो सिर्फ एक हीरो का रोल नहीं निभाते, बल्कि बलिदान और कर्तव्य की असली भावना को अपने अभिनय में समेटते हैं। उनके किरदार की गहराई और ईमानदारी हर सीन में झलकती है।
स्क्वाड्रन लीडर अज्जमादा बोपैया देवैया (MVC) के किरदार को उन्होंने ऐसे निभाया है कि ये भारतीय सिनेमा में लंबे समय तक याद रहेगा। निम्रत कौर आहुजा की पत्नी के रूप में और सारा अली खान विजय की गर्भवती पत्नी के रूप में कहानी में कोमलता का खूबसूरत संतुलन लाती हैं।
कपूर और केवलानी ने ऐसी फिल्म बनाई है, जो लड़ाकू विमान के पंख की तरह तेज और धारदार है। उनका निर्देशन सटीक, साफ और पूरी तरह से किरदारों की भावनाओं पर केंद्रित है, बिना किसी भी एक्शन सीन की भव्यता को कमजोर किए।
उन्होंने एक्शन और इंसानी भावनाओं के बीच परफेक्ट बैलेंस बनाया है, जिससे हर हवाई लड़ाई सिर्फ स्पेशल इफेक्ट्स का प्रदर्शन नहीं, बल्कि गहरी भावनाओं से भरी होती है। फिल्म की गति पूरी तरह से तेज है, हर सीन के साथ तनाव बढ़ता है, और कहानी में कोई भी रुकावट नहीं आती।
स्काई फोर्स का प्लस पॉइंट
“स्काई फोर्स” का असली आकर्षण तो इसके हवाई युद्ध सीन में है, जो इसे बाकी एक्शन फिल्मों से एकदम अलग बनाते हैं। डायरेक्टर्स ने भारतीय एक्शन सिनेमा का स्तर बहुत ऊंचा कर दिया है, क्योंकि इन लड़ाईयों को देखने का अनुभव ऐसा है जो बेहद रियल और रोमांचक दोनों लगता है। आप खुद को सांसें थामे हुए पाते हैं, जैसे ही विमान आसमान में घूमते और पलटते हैं।
“स्काई फोर्स” के एक्शन के बारे में बात करें तो सच में, ये एकदम शानदार है। स्टंट वर्क तो है ही बेहतरीन, लेकिन हवाई लड़ाई के सीन तो आपको अपनी जगह से हिलने का मौका ही नहीं देंगे।
ये सिर्फ एक वॉर फिल्म नहीं है—ये तो वो कहानी है जो साहस, बलिदान और लड़ने की इच्छा का जश्न मनाती है। तो तैयार हो जाइए और आसमान में एक ऐसी यात्रा के लिए, जिसे आप कभी नहीं भूलेंगे। ये एक रोमांचक और दिल को छूने वाली फिल्म है जिसे मिस नहीं करना चाहिए।