यह दर्दनाक मामला शनिवार सुबह तब सामने आया, जब आरे कॉलोनी (Aarey Colony) इलाके में सड़क किनारे एक कचरे के ढेर पर बेहद कमजोर हालत में पड़ी एक बुज़ुर्ग महिला को किसी राहगीर ने देखा और पुलिस (Mumbai Police) को सूचना दी। बुजुर्ग के शरीर पर जख्म थे, वे चलने में असमर्थ थीं, और इतनी कमजोर हो चुकी थी कि ठीक से बोल भी नहीं पा रही थीं। जब पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो उन्होंने टूटे शब्दों में बताया, “मुझे मेरे पोते ने यहां छोड़ दिया…”
इलाज के लिए दर-दर भटकी!
मौके पर पहुंची आरे पुलिस ने तुरंत बुजुर्ग महिला को अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन कई अस्पतालों ने उनकी हालत देखकर भर्ती करने से इनकार कर दिया। अंततः शाम 5:30 बजे उन्हें बीएमसी के कूपर अस्पताल में भर्ती किया गया। सोचने वाली बात है कि सुबह मिली बुज़ुर्ग महिला को इलाज के लिए पूरे दिन इंतजार करना पड़ा। लेकिन उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
पुलिस ने जनता से मांगी मदद
यशोदा ने पुलिस को बताया कि वह पहले मलाड में अपने पोते के साथ रहती थी। हालांकि उन्होंने पुलिस को मालाड और कांदिवली में अपने रिश्तेदारों के दो पते बताए हैं। वहीं, मुंबई पुलिस ने परिजनों की तलाश शुरू कर दी है और उनकी तस्वीरें सभी थानों में साझा कर दी गई हैं। वरिष्ठ निरीक्षक रवींद्र पाटिल ने जनता से अपील कि है की अगर किसी को यशोदा गायकवाड़ के बारे में कुछ पता है या उन्हें जनता है तो तुरंत आरे पुलिस स्टेशन से संपर्क करें।