दूसरी ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट ने भी कमर कस ली है। राज्य के आगामी चुनाव से पहले शिंदे गुट ने ‘ऑपरेशन टाइगर’ शुरू किया है। कुछ दिन पहले शिवसेना नेता व मंत्री उदय सामंत ने ऑपरेशन टाइगर शुरू होने की जानकारी दी थी। इसी क्रम में उद्धव गुट के कई बड़े नेता पाला बदलकर शिंदे खेमे में आ चुके है। इससे स्थानीय चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा है।
बीएमसी चुनाव से पहले मुंबई में शिंदे की शिवसेना ने शिवसेना (यूबीटी) को बड़ी चोट दी है। शिवसेना (यूबीटी) की महिला उपनेता ने ठाकरे का साथ छोड़ दिया है और वह शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गयी हैं।
शिवसेना ठाकरे गुट की उपनेता, विधानसभा महिला संगठक और पूर्व पार्षद राजुल पटेल (Rajul Patel) सोमवार रात शिवसेना में शामिल हुईं। पटेल ने विधानसभा चुनाव में मुंबई की वर्सोवा सीट से उम्मीदवारी मांगी थी। लेकिन उनकी जगह हारून खान को टिकट दिया गया और इस वजह से वह पार्टी से नाखुश थीं। हारुन खान ने बीजेपी की भारती लवेकर (Bharti Lavekar) को हराया है।
राजुल पटेल पुरानी महिला शिवसैनिक है और उन्होंने 2019 विधानसभा चुनाव भी लड़ा था। नगर निगम चुनाव से पहले उनका पार्टी छोड़कर जाना उद्धव सेना के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। दरअसल वर्सोवा को शिवसेना का गढ़ माना जाता है और पटेल की इस क्षेत्र पर अच्छी पकड़ समझी जाती है। यही वजह है कि पटेल के साथ ही शिवसेना (यूबीटी) के दो दर्जन से अधिक पूर्व बीएमसी पार्षद शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हो गए हैं।
पिछले कुछ दिनों में शिवसेना (UBT) को कई राजनीतिक झटके झेलने पड़े हैं। कुछ दिन पहले सावंतवाड़ी के तालुका प्रमुख ने ठाकरे का साथ छोड़ दिया है। चर्चा है कि पूर्व विधायक राजन साल्वी भी उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ने वाले हैं। दूसरी ओर जालना और छत्रपति संभाजीनगर जिलों में ठाकरे खेमे के कई पदाधिकारी शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गए हैं।