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Guillain Barre Syndrome से एक और मौत! महाराष्ट्र में मिले 16 नए मरीज, 20 वेंटिलेटर पर, सरकार अलर्ट पर

Guillain Barre Syndrome Outbreak in Pune : गुइलेन-बैरे सिंड्रोम नाम की दुर्लभ बीमारी पुणे समेत महाराष्ट्र के कई हिस्सों में फैल रही है। संक्रमितों की संख्या बढ़ने से सरकार की चिंता बढ़ गई है।

मुंबईJan 30, 2025 / 02:55 pm

Dinesh Dubey

Guillain Barre Syndrome Maharashtra hospital
महाराष्ट्र में दुर्लभ बीमारी ‘गुइलेन-बैरे सिंड्रोम’ (जीबीएस) के संक्रमित मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में जीबीएस के मरीजों की संख्या 127 पहुंच गई है। पुणे में जीबीएस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। पुणे के ससून अस्पताल में भर्ती जीबीएस पीड़ित 56 वर्षीय महिला की मौत की खबर है। गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से यह दूसरी मौत है। इससे पहले सोलापुर में 40 वर्षीय सीए की जीबीएस के संक्रमण से मौत हुई थी।  
जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र में इस दुर्लभ तंत्रिका विकार के 16 नए मामले सामने आए हैं। बुधवार को पुणे में एक महिला की मौत हो गई, उसे जीबीएस होने का संदेह है। अधिकारियों ने बताया कि म्र्तक महिला अन्य बीमारियों से भी पीड़ित थी।
इससे पहले पुणे से अपने घर सोलापुर गए सीए की रविवार को संदिग्ध रूप से जीबीएस की चपेट में आने से मौत हो गई। परिजनों ने सर्दी, खांसी और सांस लेने में दिक्कत होने पर 18 जनवरी को उन्हें सोलापुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया था।
राज्य स्वास्थ्य विभाग के विज्ञप्ति के मुताबिक, महाराष्ट्र में अभी तक जीबीएस के 127 संदिग्ध मरीज मिले हैं। उनमें से नौ पुणे जिले के बाहर के हैं। बुधवार को जीबीएस के 16 नए मामले सामने आए। 20 मरीज फिलहाल वेंटिलेटर पर हैं।
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रोग प्रतिरोधी क्षमता संबंधी इस विकार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसे देखकर राज्य सरकार के अलावा केंद्र सरकार भी अलर्ट मोड पर है। 7 सदस्यीय केंद्रीय उच्च-स्तरीय विशेषज्ञ टीम बनायीं गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की टीम ने भी प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। राज्य सरकार ने संक्रमित मरीजों का मुफ्त इलाज करने की घोषणा की है।

एनसीपी (शरद पवार) नेता सुप्रिया सुले ने पुणे के सिंहगढ़ रोड पर जीबीएस प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया-

क्या है जीबीएस बीमारी

जीबीएस एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपनी ही नसों पर हमला करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक इसमें शरीर का इम्यून सिस्टम पेरिफेरल नर्व सिस्टम के एक हिस्से पर हमला करता है। जिससे मांसपेशियों में कमजोरी, पैर-बाहों में झुनझुनी, सूनापन और निगलने या सांस लेने में दिक्कतें होती हैं।
जीबीएस संक्रमण दूषित पानी या भोजन के सेवन से हो सकता है। संक्रमण से दस्त और पेट दर्द हो सकता है। कुछ व्यक्तियों में, प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्रिकाओं को निशाना बनाती है, जिससे 1 से 3 सप्ताह के भीतर जीबीएस के बारे में पता चल जाता है।

ऐसे करें बचाव

राज्य स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से उबला हुआ पानी पीने और खुले में या बासी खाना खाने से बचने की सलाह दी है। साथ ही हाथ-पैरों की मांसपेशियों में अचानक कमजोरी महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी है। इसके लक्षण आमतौर पर सांस या पाचन तंत्र के संक्रमण के बाद दिखाई देने लगते हैं। भले ही जीबीएस एक दुर्लभ बीमारी है लेकिन इसका इलाज संभव है।

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