हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र दौरे के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को अपने दम पर चुनाव की तैयारी करने के निर्देश दिए थे। लेकिन अब बीजेपी ने यह संकेत दिया है कि वह महायुति के साथ रहकर ही चुनाव लड़ेगी। इस बीच, सीट बंटवारे को लेकर तीनों दलों के बीच रस्साकशी शुरू होने के आसार है।
मुंबई में बीजेपी तो ठाणे में शिवसेना ‘बड़ा भाई’
रिपोर्ट्स के अनुसार, मुंबई में बीजेपी को ‘बड़ा भाई’ के तौर पर अधिक सीटों पर बीएमसी चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा, जबकि एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना को कम सीटों पर समझौता करना होगा। वहीं, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ माने जाने वाले ठाणे में शिवसेना की भूमिका प्रमुख होगी और बीजेपी को कम सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। मुंबई महानगरपालिका (BMC Election 2025) में कुल 227 वार्ड हैं। साल 2017 के चुनाव में शिवसेना ने 84 और बीजेपी ने 82 सीटें जीती थीं। उस वक्त दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़े थे। बाद में 4 निर्दलीय और मनसे के 6 नगरसेवक भी शिवसेना में आ गए। फिर शिवसेना ने 2022 में हुए उपचुनावों में 5 और सीटें जीतीं, जिससे पार्षदों की संख्या बढ़कर 99 हो गई।
150 सीटों पर बीजेपी की नजर
बताया जा रहा है कि शिवसेना में फूट के बाद 44 नगरसेवक शिंदे खेमे में शामिल हो गए, जबकि 55 उद्धव ठाकरे गुट के साथ बने रहे। सूत्रों का कहना है कि एकनाथ शिंदे ने मुंबई में 107 सीटों की मांग की है, लेकिन बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं है। बीजेपी का कहना है कि उसके नगरसेवक (पार्षद) अधिक हैं और वह 150 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है ताकि पार्टी का महापौर मुंबई में बैठ सके।
ठाणे-पुणे में खींचतान संभव
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह के मुंबई दौरे के दौरान एकनाथ शिंदे ने उनसे मुलाकात कर बीएमसी चुनाव के लिए 107 सीटों की मांग की थी, लेकिन उन्हें कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिला। ठाणे में शिवसेना का दबदबा कायम है, इसलिए वहां वह प्रमुख भूमिका में रहेगी। पुणे में भी सीट बंटवारे को लेकर महायुति के भीतर संतुलन बनाने की जरूरत होगी, क्योंकि पुणे में अजित पवार की एनसीपी व बीजेपी में खींचतान हो सकती है।