लाडली बहना योजना (लाडकी बहीण योजना) की सबसे बड़ी सफलता ये रही है कि इससे मिले पैसों से कई महिलाओं ने छोटे-छोटे उद्योग शुरू किए हैं। कई जगहों पर तो लाडली बहनों के समूह मिलकर व्यवसाय शुरू कर रहे हैं, जिससे वो न सिर्फ खुद आत्मनिर्भर बन रही हैं बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे रही हैं। अब इसी पहल को आगे बढ़ाते हुए मुंबई की महिलाओं को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर 1 लाख रुपये तक का कर्ज देने का निर्णय लिया गया है।
मुंबई बैंक लाडकी बहनों की मदद के लिए आगे आई है और अब इन्हें शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कर्ज मिलेगा। बैंक के अध्यक्ष प्रवीण दरेकर ने बताया कि पहले यह कर्ज 9 प्रतिशत की ब्याज दर पर दिया जाता था, लेकिन अब सरकार की चार प्रमुख महामंडलों की योजनाओं के तहत ब्याज पर सब्सिडी देकर यह कर्ज शून्य ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मंशा है कि लाडकी बहिन योजना से लाभार्थी महिलाओं का पैसा बाज़ार और व्यवसायिक दुनिया में लगे, जिससे पैसे बढ़ें और लाडली बहनें आर्थिक रूप से सक्षम बनें।
राज्य सरकार के चार महामंडलों की योजनाओं से यह छूट दी जा रही है। इन योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों को 12 प्रतिशत तक के ब्याज की वापसी मिलती है। पर्यटन महामंडल की ‘आई योजना’ ऐसी ही एक योजना है, जिसमें महिला को 12 प्रतिशत तक ब्याज वापस दिया जाता है। इसके अलावा, अण्णासाहेब आर्थिक विकास महामंडल, भटक्या विमुक्त समुदाय महामंडल और ओबीसी महामंडल की योजनाओं से भी महिलाओं को ब्याज की रक़म लौटाई जाती है।
प्रवीण दरेकर ने बताया कि यदि हम जिन महिलाओं को कर्ज दे रहे हैं, वे इन योजनाओं की पात्रता में आती हैं, तो उन्हें यह कर्ज बिलकुल बिना ब्याज के मिल सकता है। उन्होंने बताया कि सीएम फडणवीस के साथ चारों महामंडलों के निदेशक, संबंधित विभागों के सचिव और अतिरिक्त सचिवों की बैठक में यह फैसला लिया गया और मुख्यमंत्री ने इसके आदेश भी जारी किए हैं।
पर्यटन महामंडल की ‘आई योजना’ जैसी योजनाओं के अंतर्गत 12 प्रतिशत तक ब्याज की सब्सिडी मिलती है, जिससे महिलाओं को कर्ज शून्य ब्याज पर मिल पाता है। अगर महिला लाभार्थी इन योजनाओं की पात्रता में आती है, तो बैंक द्वारा दिए गए कर्ज पर ब्याज सरकार खुद वहन करेगी।
प्रवीण दरेकर ने बताया कि 1 लाख रुपये तक का कर्ज एक महिला को दिया जाएगा, और यदि 5 से 10 महिलाएं मिलकर व्यवसाय शुरू करती हैं, तो सामूहिक रूप से भी उन्हें यह सहायता दी जा सकती है। इसके लिए महिलाओं को मुंबई बैंक में आवेदन करना होगा। आवेदन के बाद उनके व्यवसाय की जांच की जाएगी और पात्रता तय की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में लाडकी बहिण योजने की लाभार्थी संख्या मुंबई में करीब 12 से 13 लाख है, जबकि 1 लाख महिलाएं पहले से ही बैंक की सदस्य हैं। यह पहल महिलाओं को सिर्फ आर्थिक नहीं, सामाजिक रूप से भी सशक्त बनाएगी।