मुंबई में राज्यपाल राधाकृष्णन ने एक पुराना अनुभव साझा करते हुए कहा, “जब मैं तमिलनाडु से सांसद था, तब मैंने देखा कि कुछ लोग हिंदी बोलने वालों को पीट रहे थे। होटल मालिक ने बताया कि वे तमिल नहीं बोलता, इसलिए उसे पीटा गया… अगर हम ऐसी नफरत फैलाएंगे, तो कौन आएगा और निवेश करेगा? ऐसा करके दीर्घकाल में हम महाराष्ट्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं। मुझे खुद हिंदी नहीं आती और यह मेरे लिए एक बाधा है। हम सभी को अधिक से अधिक भाषाएं सीखनी चाहिए और अपनी मातृभाषा पर गर्व करना चाहिए।”
वहीँ, इस विवाद पर महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने सभी भाषाओं के सम्मान की बात कही है। मराठी भाषा के महत्व को स्वीकारते हुए भाजपा नेता ने कहा, “मराठी हमारी मातृभाषा है और हमारी प्राथमिकता भी। लेकिन अगर हम दूसरों पर मराठी बोलने का दबाव बनाएंगे या उन्हें पीटेंगे, तो वह भी राज्य के लिए गलत है। हम भी दूसरे राज्यों में जाते हैं, अगर हमें कोई जबरदस्ती तमिल या बंगाली बोलने को कहे तो कैसा लगेगा? हमारा देश भाषाओं की विविधता से भरा है, हमें हर भाषा से प्रेम करना चाहिए, लेकिन जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए।”
मुंबई में भाषाई नफरत बढ़ी!
हाल के दिनों में मुंबई में मराठी भाषा को लेकर कुछ घटनाएं सामने आई थीं, जिनमें गैर-मराठी भाषी लोगों के साथ गाली-गलौज और मारपीट की गई। हाल ही में मुंबई की सेंट्रल लाइन की एक लोकल ट्रेन के लेडीज कोच में मराठी और हिंदी भाषा को लेकर महिला यात्रियों के बीच तीखी बहस हो गई। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। बताया जा रहा है कि शुक्रवार शाम को मामूली सीट विवाद से शुरू हुई बात भाषा विवाद में बदल गई। इसके बाद मुंबई के घाटकोपर इलाके से ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में छोटा सा होटल चलाने वाली एक महिला और कुछ लोगों के बीच मराठी बनाम हिंदी को लेकर तीखी बहस देखी जा सकती है। आरोप है कि स्थानीय लोगों के समूह ने महिला पर मराठी में बात करने का दबाव बनाया। लेकिन महिला ने साफ इनकार करते हुए हिंदी में ही बातचीत करने की जिद की। बहस के दौरान महिला ने कहा, मराठी नहीं, हिंदी में बोलो। क्या तुम भारत से नहीं हो? घटना के बाद कुछ राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और महिला से जबरन माफ़ी मंगवाई।
महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय और नगर निकाय चुनावों से पहले मराठी अस्मिता और भाषा के नाम पर राजनीति गरमाई हुई है। खासकर राज ठाकरे की मनसे (MNS) ने इस मुद्दे को आगामी बीएमसी चुनावों (BMC Election) से पहले प्रमुख एजेंडे में शामिल किया है, जिससे यह मामला और भी ज्यादा संवेदनशील हो गया है। हालांकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट कहा है कि मराठी भाषा पर गर्व करना गलत नहीं है, लेकिन उसके नाम पर गुंडागर्दी करना, किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।