मौसम विशेषज्ञों का कहना है की अगले 48 घंटों में कोंकण और घाट क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर भारी-बहुत भारी बारिश की संभावना है। जबकि उत्तर-पश्चिम गुजरात में चक्रवात के कारण अरब सागर और खंभात की खाड़ी से नमी आ रही है और मूसलाधार बारिश के लिए मौसम अनुकूल बन रहा है। इस वजह से दक्षिण गुजरात, उत्तर कोंकण और पालघर में भीषण बरसात होने का अनुमान है।
कुंडलिका और पातालगंगा खतरे के निशान से ऊपर
मुंबई, ठाणे, पालघर, रत्नागिरी, रायगड के कई हिस्सों में रातभर तेज बारिश और तेज हवाओं ने कहर बरपाया। कई इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया। रायगड जिले के अलिबाग, मुरूड, पेण, माणगाव और रोहा तालुका में बारिश से हालात खराब है। कुंडलिका और पातालगंगा नदियाँ चेतावनी स्तर को पार कर गई हैं। मौसम विभाग ने रत्नागिरी और रायगड के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सतर्क रहने की अपील की है। जबकि कोंकण क्षेत्र के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
पुणे शहर में बीते दो दिनों से रुक-रुक कर बारिश हो रही थी, लेकिन आज सुबह तेज बारिश ने पूरे शहर का मौसम बदल दिया। वहीं, मराठवाड़ा और विदर्भ में पिछले कुछ दिनों से बारिश का जोर थोड़ा कम हुआ है, लेकिन बिजली, आंधी बारिश के साथ हल्की फुहारें जारी हैं।
अगले 5 दिनों तक भारी बारिश का पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि कोकण और विदर्भ में अगले पांच दिन भारी से अति भारी बारिश हो सकती है। खासकर रत्नागिरी, रायगड और सिंधुदुर्ग जिलों में बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इस दौरान मराठवाड़ा में भी कुछ इलाकों में बारिश हो सकती है। पुणे जिले के मालिन के निकट भूस्खलन हुआ। चूंकि यह क्षेत्र भूस्खलन की आशंका वाला है, इसलिए उस स्थान में रहने वाले लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था। 30 जुलाई 2014 में भारी वर्षा के बाद मालिन में हुए भूस्खलन में एक गांव दब गया था और 151 लोगों की मौत हो गई थी। आज शाम 5:30 बजे अम्बेगांव तहसील के मालिन के पास पसारवाड़ी में भूस्खलन हुआ। इससे क्षेत्र के निवासियों के पुनर्वास के लिए निर्धारित स्थल तक जाने वाली एक छोटी कच्ची सड़क आंशिक रूप से ढक गई। सड़क से मलबा हटाने का काम जारी है।
वहीँ, नंदुरबार जिले के सातपुड़ा क्षेत्र में दो दिन के विराम के बाद एक बार फिर पहाड़ियों में मूसलधार बारिश शुरू हो गई है। इससे छोटी नदियों में बाढ़ जैसी स्थिति बन रही है।