दरअसल शिंदे बिना किसी का नाम लिए लगातार उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर कटाक्ष कर रहे थे। हालांकि ठाकरे खुद एमएलसी हैं, लेकिन वह आज सदन में मौजूद नहीं थे। लेकिन शिंदे की तंज भरी टिप्पणियों के बाद परब ने आपत्ति जताई। परब ने कहा, “डिप्टी सीएम को राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलना है, लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे हैं।”
पूर्व सीएम शिंदे ने मंगलवार को विधानभवन में सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के साथ उद्धव की शिष्टाचार मुलाकात का भी उल्लेख किया और निशाना साधा।
शिंदे ने कहा, ”चुनाव प्रचार के दौरान जो लोग कड़े शब्दों का इस्तेमाल कर आलोचना कर रहे थे, वे गुलदस्ता लेकर किसी से मिल रहे है…” इस मुलाकात से राजनीतिक अटकलें भी तेज हो गईं। शिवसेना प्रमुख ने एक बार फिर उद्धव पर निशाना साधते हुए कहा, ‘वह कहते थे कि या तो तुम रहोगे या तो मै रहूंगा…जिस तरह से कुछ लोग रंग बदलते हैं उससे गिरगिट भी शर्मिंदा हो जाएगा। कुछ लोगों को विरासत से सिंहासन मिलता है, दिमाग से नहीं।” दरअसल यह बयान उद्धव ठाकरे ने एक चुनावी रैली के दौरान फडणवीस को लेकर कहा था।