बता दें कि शौर्य चक्र से सम्मानित तेवतिया ने मुंबई के ताज होटल में आतंकियों के खात्मे के लिए चलाये गए काउंटर-टेरर ऑपरेशन का नेतृत्व किया था। इस दौरान 150 से ज्यादा लोगों को बचाया गया था। इस अभियान में तेवतिया को चार गोलियां लगी थीं।
पूर्व कमांडो प्रवीण तेवतिया ने यह बयान मुंबई और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में हाल के मराठी भाषा को लेकर हुए विवाद पर दिया है। कुछ दिन पहले ही मुंबई से सटे मीरा-भयंदर इलाके में मनसे कार्यकर्ताओं ने एक दुकानदार को सिर्फ इसलिए पीटा क्योंकि वह मराठी नहीं बोल रहा था और हिंदी में बात कर रहा था।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रवीण तेवतिया ने अपनी कमांडो ड्रेस में एक मुस्कुराती तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, “मैंने मुंबई को 26/11 आतंकी हमले से बचाया, मैंने महाराष्ट्र के लिए खून बहाया, मैं यूपी से हूं। राज ठाकरे के योद्धा कहां (जब आतंकी हमला हुआ था) थे? देश को मत बांटो। मुस्कान के लिए कोई भाषा नहीं चाहिए।”
मराठी के लिए पीटो लेकिन वीडियो मत बनाओ- राज
यह टिप्पणी राज ठाकरे और शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे की संयुक्त रैली के बाद आई। जिसमें राज ठाकरे ने कहा कि अगर किसी को मराठी नहीं बोलने के लिए पीटते हो तो उसका वीडियो मत बनाओ। ठाकरे ने कहा, “यहां चाहे गुजराती हो या कोई और, उसे मराठी आनी ही चाहिए, लेकिन अगर कोई मराठी नहीं बोलता तो उसे पीटने की कोई जरूरत नहीं है। फिर भी अगर कोई ड्रामा करे तो कान के नीचे लगाओ, लेकिन वीडियो बना कर प्रचार मत करो।“ इस दौरान उद्धव ठाकरे ने भी मंच से कहा, “अगर न्याय के लिए गुंडागर्दी करनी पड़ी, तो हम गुंडे बनने को तैयार हैं।”
‘मुंबई आतंकी हमले के दौरान पूरा ठाकरे परिवार था गायब’
भाषा को लेकर हो रहे बवाल के बीच कमांडो प्रवीण तेवतिया की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इस बीच रविवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “जब 26/11 का आतंकी हमला हुआ था, तब उनके (मनसे) तथाकथित योद्धा कहीं नजर नहीं आए। राज ठाकरे खुद, उद्धव ठाकरे और उनका पूरा परिवार भी गायब था। तब जिन लोगों ने दूसरों की जान बचाई, जैसे कि सेना के जवान, वे ज़्यादातर यूपी और बिहार से थे। मैं भी वहां था, मैंने स्थिति संभाली और आतंकवादियों का सामना किया। मैं भी यूपी से हूं और चौधरी चरण सिंह के गांव से आता हूं। इसलिए हमें राजनीति मत सिखाइए। भाषा से राजनीति को अलग रखिए। हमें मराठी पर गर्व है, लेकिन इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए। अगर राजनीति करनी है तो विकास के काम और रोजगार पर ध्यान दीजिए। आज तक राज ठाकरे और मनसे ने कोई विकास कार्य नहीं किया है।”