घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें राज ठाकरे (Raj Thackeray) कि पार्टी मनसे के कार्यकर्ता एक दुकान में व्यापारी से मराठी में बात करने की जिद कर रहे हैं। वीडियो में पीड़ित व्यापारी यह कहते हुए नजर आता है कि “मुझे मराठी सीखनी पड़ेगी, लेकिन महाराष्ट्र में सभी भाषाएं बोली जाती हैं।” व्यापारी के इस जवाब से मनसे कार्यकर्ता आग-बबूला हो गए और देखते ही देखते उन्होंने व्यापारी को पीटना शुरू कर दिया गया। व्यापारी को कई थप्पड़ मारे गए।
इस घटना ने न सिर्फ राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, बल्कि महाराष्ट्र की भाषा और संस्कृति पर भी तीखी बहस को जन्म दिया है। इस घटना से जैन समुदाय में तीव्र नाराजगी है।
महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हिंदी और मराठी भाषा को लेकर पिछले कुछ महीनों से विवाद चल रहा है। कुछ लोग आगामी नगर निगम चुनावों को देखते हुए इस मुद्दे को जानबूझकर उठा रहे हैं।” उन्होंने साफ कहा कि मराठी भाषा का इस्तेमाल होना चाहिए, लेकिन इसके लिए कानून को हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं है। हमारी सरकार मराठी भाषा का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी। मारपीट के बजाय नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करानी चाहिए, जिससे संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
वहीँ, मीरा भयंदर शहर के बीजेपी विधायक नरेंद्र मेहता ने भी इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मराठी भाषा हमारा गौरव है, लेकिन मानवता की सीमा को नहीं भूलना चाहिए। भाषा का सम्मान जरूरी है, पर यह प्रेम, समझदारी और सहिष्णुता के साथ होना चाहिए।”
बीजेपी नेता ने यह भी कहा कि मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा की गई यह मारपीट न केवल व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला है बल्कि महाराष्ट्र की सहिष्णु परंपरा को भी ठेस पहुंचाती है। उन्होंने मांग की कि इस घटना को गंभीरता से लिया जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
इस पूरी घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या भाषा के नाम पर हिंसा को स्वीकार किया जा सकता है? जबकि महाराष्ट्र की विविधतापूर्ण सांस्कृतिक विरासत ने हमेशा सभी भाषाओं और समुदायों को साथ लेकर चलने की मिसाल पेश की है, ऐसे में इस तरह की घटनाएं समाज में फूट डालने जैसी है। बहरहाल, अब यह देखना अहम होगा कि राज्य सरकार और पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है, खासकर आगामी चुनावी माहौल में।