“जब ऐसा कुछ होगा तब देखा जाएगा”
अमेरिका में जब भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर से इस बारे में सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “अगर लिंडसे ग्राहम के प्रस्तावित बिल से भारत के हित प्रभावित होते हैं, तो उसे गंभीरता से लिया जाएगा। ऊर्जा और सुरक्षा से जुड़े भारत के हित ग्राहम को स्पष्ट कर दिए गए हैं। बाकी जब ऐसा कुछ होगा तब देखा जाएगा, क्योंकि ज़रूरी नहीं कि ऐसा कुछ हो।” पुतिन को सबक सिखाने के लिए बिल को बताया ज़रूरी
अमेरिकी सीनेटर ग्राहम का कहना है कि यह बिल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) को सबक सिखाने के लिए ज़रूरी है। मौटे तौर पर देखें तो यह बिल यूक्रेन (Ukraine) की मदद करने के साथ ही पुतिन को आइसोलेट करने का प्रयास है। यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के बावजूद तेल की बिक्री से रूस की काफी कमाई हो रही है। भारत और चीन, रूस से बहुतायत में तेल खरीदते हैं। ऐसे में ग्राहम का कहना है कि भारत और चीन पर भी 500% टैरिफ लगाना चाहिए, जिससे वो रूस से तेल खरीदना बंद करे।