महाराष्ट्र के पुणे शहर (Pune News) में बढ़ती ट्रैफिक समस्या को हल करने के लिए प्रस्तावित टनल की साइट का दौरा करने जा रहे केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का काफिला सोमवार को भीषण जाम में फंस गया। इस कारण गडकरी को बीच रास्ते से वापस लौटना पड़ा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी शनिवारवाड़ा के पास शिवाजी रोड और बाजीराव रोड के जंक्शन पर पहुंचे थे, लेकिन उसी समय वहां भयंकर जाम लग गया। दोनों सड़कों पर वन-वे ट्रैफिक होता है, और यह इलाका आम तौर पर बेहद व्यस्त रहता है। जाम में फंसने के बाद गडकरी ने साइट पर नहीं जाने का फैसला किया और उनका दौरा रद्द कर दिया गया। हालांकि, इस संबंध में उन्होंने अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। इसमें पुणे के कसबा से बीजेपी विधायक हेमंत रासने और महाराष्ट्र के उच्च शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल भी शामिल थे।
बीजेपी नेता रासने ने बताया, “टनल की जरूरत को गडकरी जी ने समझा और वह दौरा करने आये, लेकिन पुणे नगर निगम (PMC) और पुणे पुलिस के बीच तालमेल की कमी के कारण वे साइट पर नहीं पहुंच सके।” दरअसल रासने के अनुरोध पर ही गडकरी प्रस्तावित टनल की साइट पर जा रहे थे।
क्या है टनल प्रोजेक्ट?
सेंट्रल पुणे की भीड़भाड़ कम करने के लिए शनिवारवाड़ा से स्वर्गेट और सरसबाग तक दो सुरंगें (टनल) प्रस्तावित हैं। ये दोनों टनल कुल मिलाकर 2.5 किमी लंबी होंगी और चार लेन की होंगी। इससे शहर के मध्य हिस्से का ट्रैफिक काफी हद तक कम होगा। यह टनल शिवाजी रोड और बाजीराव रोड के विकल्प के तौर पर होगा, जहां से हर दिन एक लाख से अधिक वाहन गुजरते हैं।
विधायक रासने ने बताया कि उन्होंने परियोजना के लिए केंद्रीय फंडिंग की मांग की है क्योंकि राज्य सरकार या पुणे महानगरपालिका अकेले इसकी लागत नहीं उठा सकती। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री गडकरी ने हरसंभव मदद का भरोसा दिया है और इस पर जल्द एक बैठक बुलाने की बात कही है।
इस बीच, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता देते हुए लोक निर्माण विभाग (PWD) को 15 दिनों के भीतर डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने का निर्देश दिया है।
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