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‘मुंबई में रहने के लिए मराठी आना जरूरी नहीं’, RSS नेता भैयाजी जोशी के बयान पर भड़का विपक्ष, BJP ने संभाला मोर्चा

Bhaiyyaji Joshi on Marathi : आरएसएस नेता ने कहा कि मुंबई आने या यहां रहने के लिए मराठी सीखने की जरूरत नहीं है। क्योंकि मुंबई में एक भाषा नहीं है, यहां कई भाषाएं हैं।

मुंबईMar 06, 2025 / 02:51 pm

Dinesh Dubey

महाराष्ट्र में एक बार फिर मराठी भाषा का मुद्दा गरमा गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेता सुरेश भैयाजी जोशी ने मुंबई में मराठी भाषा को लेकर बड़ा बयान दिया है। एक कार्यक्रम में बोलते हुए वरिष्ठ नेता ने कहा, मुंबई की अपनी कोई एक भाषा नहीं है। इसलिए मुंबई आना है तो जरुरी नहीं कि मराठी भाषा सीखनी पड़े।
आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी भैयाजी जोशी के इस बयान पर शिवसेना उद्धव गुट और एनसीपी शरद पवार गुट भड़क गए हैं। जबकि बीजेपी डिफेंडिंग मोड में है। इस मुद्दे पर महाराष्ट्र विधानसभा में भी जमकर हंगामा हुआ। जिसके बाद विधानसभा में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जवाब दिया।
सीएम फडणवीस ने भैयाजी जोशी के बयान पर कहा, “मराठी मुंबई, महाराष्ट्र और राज्य सरकार की भाषा है और यहां रहने वाले लोगों को इसे अपनाना चाहिए। मराठी भाषा राज्य की संस्कृति और पहचान का हिस्सा है और इसे सीखना हर नागरिक का कर्तव्य होना चाहिए। महाराष्ट्र में मराठी भाषा का सम्मान और संरक्षण किया जाएगा और यह हमारी सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग है।”
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मुंबई के उपनगर घाटकोपर इलाके में बुधवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भैयाजी जोशी ने कहा, “मुंबई में एक नहीं, कई भाषाएं हैं। मुंबई के हर हिस्से की अपनी अलग भाषा है। घाटकोपर इलाके की भाषा गुजराती है। इसलिए अगर आप मुंबई में रहते हैं या फिर यहां आना चाहते हैं तो यह जरूरी नहीं है कि आपको मराठी सीखनी पड़े।“ महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।

विपक्ष ने बोला हमला

आरएसएस नेता भैयाजी जोशी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए एनसीपी (शरद पवार) विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा,”अगर घाटकोपर की भाषा गुजराती है, तो मुलुंड, भांडुप, विक्रोली, बोरीवली, अंधेरी में कौन सी भाषाएं इस्तेमाल की जाती हैं?”
वहीँ, कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा, “राज्य में आरएसएस की सरकार है, केंद्र में भी उनकी अपनी सरकार है। इस तरह की भाषाई बहस पैदा करना… सरकार का काम नहीं है। आज महाराष्ट्र में किसानों की फसलें सूख रही हैं, क्या आरएसएस इस पर सरकार को सुझाव नहीं दे सकता? क्या आरएसएस को महाराष्ट्र में बेरोजगारी की चिंता नहीं है? आरएसएस और बीजेपी इस तरह की भाषाई बहस पैदा करके मुख्य मुद्दों से ध्यान भटका रहे हैं…”

बचाव में उतरी BJP

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री व बीजेपी नेता नितेश राणे ने कहा, “भैयाजी जोशी ने जो कहा है वह किसी भी भाषा का अपमान नहीं है। उन्होंने कहा है कि मराठी के साथ अन्य भाषाओं को भी मुंबई में आना चाहिए। उन्होंने मराठी भाषा का इस्तेमाल न करने के लिए नहीं कहा है। घाटकोपर के आसपास रहने वाले लोग गुजराती समुदाय के हैं… पहले उनके (भैयाजी जोशी) बयान को समझना चाहिए और फिर उस पर कुछ बोलना चाहिए।”
वहीँ, बीजेपी विधायक राम कदम ने कहा, “भैयाजी जोशी के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है… उनके बोलने का भाव केवल इतना ही है कि घाटकोपर के कुछ इलाको में अधिकतर लोग गुजराती भाषा बोलने वाले हैं। स्वभाविक रूप से वे जब आपस में बात करेंगे तो गुजराती भाषा में करेंगे… महाराष्ट्र की मुख्य भाषा हमेशा मराठी ही रहेगी।”

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