शुक्रवार को आरोपी को शिरुर तालुका के गुनाट गांव से पकड़ने के बाद शिवाजीनगर कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उसे 12 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। लेकिन इस मामले ने नया मोड़ तब लिया जब आरोपी के वकील ने कोर्ट में दावा किया कि यह यह मामला बलात्कार का नहीं है, बल्कि दोनों की आपसी सहमति से बना शारीरिक संबंध था। इस बीच, आरोपी दत्तात्रेय रामदास गाडे की पत्नी ने भी बड़ा बयान दिया और पीड़िता पर सवाल उठाए।
पीड़िता पर क्यों लगाए आरोप?
आरोपी के परिवार ने पीड़िता के आरोपों पर सवाल खड़े किए है और दावा किया कि उनके बीच शारीरिक संबंध आपसी सहमति से बने थे। आरोपी की पत्नी ने कहा, “अगर यह बलात्कार था, तो पीड़िता के कपड़े फटे क्यों नहीं? उसके शरीर पर खरोंच के निशान क्यों नहीं हैं? जबरदस्ती हो रही थी तो उसने शोर क्यों नहीं मचाया? वह पहले बस में चढ़ी, उसके बाद मेरा पति अंदर गया और सिर्फ दो मिनट में बाहर आ गया। इसे बलात्कार कैसे कहा जा सकता है?” हालांकि, पुलिस ने कहा कि उनके पास आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत हैं। मामले को पुख्ता करने के लिए पुलिस दत्तात्रेय की डीएनए जांच भी करवा सकती। इसके अलावा पुलिस को शिवशाही बस की फॉरेंसिक जांच में सबूत मिले हैं। सरकारी ससून अस्पताल में हुई आरोपी की लैंगिक क्षमता जांच भी पॉजिटिव आई है।
क्या है पूरा मामला?
यह भयावह घटना 25 फरवरी की सुबह 5:30 बजे पुणे के व्यस्ततम स्वारगेट बस डिपो में हुई थी। पीड़िता फलटण स्थित अपने घर जाने के लिए स्वारगेट डिपो गई थी। आरोप है कि इस दौरान दत्तात्रय गाडे ने उसे बहला-फुसलाकर अंधेरे में खड़ी शिवशाही बस में ले गया और वहां उसके साथ रेप किया। मौके से फरार होने से पहले उसने पीड़िता को जान से मारने की धमकी भी दी थी। बाद में पीड़िता ने सुबह 9:30 बजे पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ।
पुणे पुलिस ने आरोपी दत्तात्रय गाडे को पकड़ने के लिए पुलिस ने 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। ड्रोन कैमरों, डॉग स्क्वॉड और ग्रामीणों की मदद से उसे पकड़ने में पुलिस को 65 घंटे से अधिक का समय लगा।
बताया जा रहा है कि वारदात के बाद दत्तात्रय गाडे ने दो से तीन बार आत्महत्या करने की भी कोशिश की। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि दत्तात्रय गाडे पहले से ही कई अपराधों में लिप्त था। उस पर अलग-अलग थानों में सात मामले दर्ज हैं, जिनमें से कुछ गंभीर अपराध हैं।