राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा था कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के अपने निर्वाचन क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम नागपुर में मतदाता सूची में केवल 5 महीनों में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कुछ बूथों पर 20-50 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। बीएलओ ने अज्ञात व्यक्तियों द्वारा वोट डालने की सूचना दी। मीडिया ने बिना सत्यापित पते वाले हजारों मतदाताओं का पता लगाया। और चुनाव आयोग? चुप – या मिलीभगत। ये अलग-अलग गड़बड़ियां नहीं हैं। यह वोट की चोरी है। छिपाना ही स्वीकारोक्ति है। इसलिए हम मशीन-रीडेबल डिजिटल मतदाता सूची और सीसीटीवी फुटेज को तुरंत जारी करने की मांग करते हैं।
इन आरोपों पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने राहुल गांधी को सोशल मीडिया पर करारा जवाब देते हुए लिखा, “झूठ बोले कौवा काटे काले कौवे से डरियो…राहुल गांधी, माना कि महाराष्ट्र में कांग्रेस की करारी हार की पीड़ा दिन-ब-दिन बढ़ रही है, लेकिन कब तक हवा में तीर चलाते रहोगे?”
फडणवीस ने आंकड़ों के साथ बताया कि महाराष्ट्र में 25 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच 8 प्रतिशत से अधिक मतदाता बढ़े हैं, और इन क्षेत्रों में कई जगह कांग्रेस ने जीत हासिल की है। उन्होंने उदाहरण देते हुए लिखा कि पश्चिम नागपुर चुनाव क्षेत्र में 7 प्रतिशत मतदाता (27,065) बढ़े और वहां कांग्रेस के उम्मीदवार विकास ठाकरे चुनाव जीते। उत्तर नागपुर में 7 प्रतिशत (29,348) मतदाता बढ़े और कांग्रेस से नितिन राउत जीते। पुणे जिले में वड़गांव शेरी में 10 प्रतिशत (50,911) मतदाता बढ़े और शरद पवार गुट के बापूसाहेब पठारे जीते, मालाड पश्चिम में 11 प्रतिशत (38,625) मतदाता बढ़े और आपके कांग्रेस पार्टी के असलम शेख जीते। मुंब्रा में 9 प्रतिशत (46,041) मतदाता बढ़े और शरद पवार गुट के जितेंद्र आव्हाड ने जीत दर्ज की।
मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए लिखा कि, “कम से कम ट्वीट करने से पहले आप अपनी ही पार्टी के नेताओं असलम शेख, विकास ठाकरे, नितिन राउत से ही बात कर लेते, तो कांग्रेस में संवादहीनता का ऐसा बुरा प्रदर्शन न होता।”
चुनाव आयोग ने भी दिया जवाब
वहीं, राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने भी प्रतिक्रिया दी है। महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने बताया कि मतदाता सूची को पारदर्शी तरीके से तैयार किया जाता है। चुनाव को लेकर एक डेटा शेयर करते हुए आयोग ने लिखा, “मतदाता सूची पारदर्शी तरीके से तैयार की जाती है और इसकी प्रतियां सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को दी जाती हैं। 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले हुए द्वितीय विशेष संक्षिप्त संशोधन-2024 के दौरान, सभी 288 विधानसभा क्षेत्रों की प्रारंभिक और अंतिम मतदाता सूचियों की प्रतियां सभी मान्यता प्राप्त दलों, जिसमें कांग्रेस (आईएनसी) भी शामिल है, उनके प्रतिनिधियों को सौंपी गई हैं। कांग्रेस को सूची सौंपने की तारीखें साझा की गई हैं, जो लिस्ट में देखी जा सकती हैं।” बयान में आगे कहा गया, “प्रारंभिक और अंतिम सूची प्रकाशन के बीच 19,27,508 दावे और आपत्तियां प्राप्त हुईं, जिन पर विचार किया गया। कानून के अनुसार, मतदाता सूची में गलत जोड़ या हटाए जाने के खिलाफ अपील की जा सकती है, लेकिन केवल 89 अपीलें ही प्राप्त हुईं। प्रत्येक जिले की प्रारंभिक मतदाता सूची कांग्रेस को अलग-अलग तारीखों में दी गई।“