14,000 पेशेवरों के समूह एसोसिएशन ऑफ मेडिकल कंसल्टेंट्स (एएमसी) ने पिछले सप्ताह लीलावती अस्पताल में सैफ अली खान के कैशलेस इलाज के लिए 25 लाख रुपये की तुरंत मंजूरी को लेकर सवाल उठाये है।
एएमसी (AMC) ने इसे मशहूर हस्तियों के लिए तवज्जों देने वाला कदम करार दिया और कहा कि यदि यही क्लेम किसी आम पॉलिसीधारक ने किया होता तो ज्यादातर मामलों में इतने कम समय में यह मंजूर नहीं किया जाता। एएमसी ने सवाल उठाया कि मशहूर हस्तियों को इंश्योरेंस क्लेम में तरजीह क्यों दी जा रही है।
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बीमा प्रदाता निवा बूपा (Niva Bupa) द्वारा अभिनेता सैफ अली खान के कैशलेस क्लेम को फटाफट मंजूरी देने के लिए चिकित्सा पेशेवरों के संगठन ने इरडा को पत्र लिखकर मशहूर हस्तियों के लिए तरजीही व्यवहार पर सवाल उठाया है। साथ ही दावा किया है कि आम नागरिक ऐसे मामलों में अपर्याप्त कवरेज और कम अदायगी का सामना करते हैं। एसोसिएशन ऑफ मेडिकल कंसल्टेंट्स ने अपने पत्र में कहा है कि मेडिक्लेम में इस तरह की प्रथाएं अनुचित असमानता पैदा करती हैं। इंश्योरेंस सभी के लिए एक सुरक्षा उपाय होना चाहिए। सेलिब्रिटी होने पर तरजीही उपचार एक दो-स्तरीय प्रणाली बनाता है, जो सामान्य पॉलिसीधारकों के खिलाफ भेदभावपूर्ण है। इंश्योरेंस क्लेम और कैशलेस उपचार में अधिक पारदर्शिता की आवश्यकता है।
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संगठन ने इरडा (IRDAI) से मामले की जांच करने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि सभी पॉलिसीधारकों के साथ, चाहे वह मशहूर हस्ती क्यों न हो सबके साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए। मेडिक्लेम अप्रूवल में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए इरडा को दिशानिर्देश जारी करने की जरुरत है। मुंबई पुलिस के अनुसार, सैफ अली खान पर बांग्लादेशी घुसपैठिए शरीफुल इस्लाम (30) ने 16 जनवरी को चोरी के प्रयास के दौरान छह बार चाकू से वार किया। अभिनेता के पीठ, गर्दन और हाथ पर गंभीर जख्म हुए। लीलावती अस्पताल में ऑपरेशन कर उनकी रीढ़ से चाकू का 2.5 इंच का टुकड़ा निकाला गया। मंगलवार को सैफ अली खान को लीलावती अस्पताल से छुट्टी मिली। आरोपी शरीफुल इस्लाम अभी मुंबई पुलिस की हिरासत में है।