इंदिरा गांधी के आपातकाल को संवैधानिक मान्यता, तो यह संविधान कि हत्या कैसे? संजय राउत का BJP पर कटाक्ष
Sanjay Raut on Emergency: 25 जून 1975 को देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत में आपातकाल लगाया था। बीजेपी इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाती है।
देश में आपातकाल (इमरजेंसी) के 50 साल पूरे हो गए हैं और इस दिन को बीजेपी ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मना रही है। इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर पीएम मोदी से लेकर महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस समेत कई नेताओं ने बयान दिया। उन्होंने इमरजेंसी को भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय बताया। उधर, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत और महाराष्ट्र विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने बीजेपी द्वारा आज ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
राज्यसभा सांसद संजय राउत ने इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल को संविधान सम्मत करार देते हुए कहा, “इंदिरा गांधी ने उस समय पूरी तरह संविधान का सम्मान करते हुए आपातकाल लगाया था। आपातकाल को लोकतंत्र में संवैधानिक मान्यता प्राप्त है, इसलिए उसे ‘संविधान हत्या दिवस’ नहीं कहा जा सकता। इंदिरा गांधी चाहतीं तो चुनावों में हेरफेर करके, जोड़-तोड़ करके, पैसे का इस्तेमाल करके जीत सकती थीं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इंदिरा गांधी लोकतंत्र की चौकीदार थीं।”
मनुस्मृति वालों को बोलने का अधिकार नहीं- वडेट्टीवार
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि देश में पिछले 11 वर्षों से अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति बनी हुई है। वहीं कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा, “यह हास्यास्पद है कि वे इसे ‘संविधान हत्या दिवस’ कह रहे हैं, जबकि खुद हर दिन संविधान बदलने की बातें करते हैं। उनके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तो मनुस्मृति को मेज पर रखकर बयान देते हैं, उन्हें संविधान में विश्वास नहीं है। बीजेपी के कई नेता संविधान बदलने और मनुस्मृति लागू करने की बात कर चुके हैं। जो लोग हर दिन संविधान की हत्या कर रहे हैं, उन्हें इस पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है।”
वहीँ, इमरजेंसी के 50 साल होने पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “50 साल पहले इस देश में लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश की गई थी। आपातकाल लगाकर इंदिरा गांधी ने न सिर्फ सभी विपक्षी नेताओं को जेल में डाला था, बल्कि संविधान में भी इस तरह से बदलाव किया कि बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा दिए गए मौलिक अधिकार खत्म हो गए… इंदिरा गांधी ने भारत के लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन भारत के लोकतंत्र सैनानियों ने ऐसी लड़ाई लड़ी कि भारत का लोकतंत्र बच गया।”
Maharashtra Governor C P Radhakrishnan accompanied by State Chief Minister @Dev_Fadnavis flagged off a citizens rally from Raj Bhavan on the occasion of 'Samvidhan Hatya Diwas' organised to commemorate the 50th anniversary of proclamation of national emergency. pic.twitter.com/aGezOx33yC
— Governor of Maharashtra (@maha_governor) June 25, 2025
आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर महाराष्ट्र राजभवन में आज विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, सीएम फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत अन्य नेता शामिल हुए। इस मौके पर एक प्रतीकात्मक रैली निकाली गई, जिसमें “लोकतंत्र जिंदाबाद” जैसे नारे लगाए गए।
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