इस विवाद के चलते प्रशासन सतर्क हो गया है और औरंगजेब कब्र के आसपास भारी पुलिस बंदोबस्त कर दिया गया है। राज्य आरक्षित पुलिस बल (SRPF) की एक टुकड़ी तैनात की गई है, साथ ही 15 पुलिसकर्मी और दो अधिकारी भी तैनात हैं। वरिष्ठ अधिकारी भी लगातार निगरानी कर रहे है। पर्यटकों की सख्ती से तलाशी लेने के बाद ही उन्हें कब्र के करीब जाने दिया जा रहा है।
इस मुद्दे ने तब और तूल पकड़ा जब ‘छावा’ फिल्म के बाद औरंगजेब की कब्र पर विवाद बढ़ने लगा। कई नेताओं ने सार्वजनिक रूप से कब्र हटाने की मांग की, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। शिवाजी महाराज के जयंती के अवसर पर विहिप और बजरंग दल ने इस मांग को लेकर अभियान छेड़ने की घोषणा की है।
स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम किए हैं। कानून-व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए पुलिस बल के कुछ जवान सादी वर्दी में भी तैनात किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पूरी सतर्कता बरती जा रही है।
पुलिस अधिकारियों ने किया दौरा
औरंगजेब की कब्र को तोड़ने को लेकर मिल रही धमकियों के चलते पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर है। पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को कब्र का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान एसआरपी की एक बैच को तैनात किया गया, जबकि पहले से ही स्थानीय पुलिस की सुरक्षा मौजूद है। कब्र की सुरक्षा के लिए दो सीनियर इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, कब्र तक जाने वाली सड़क पर दो जगहों पर नाकाबंदी की गई है और दो फिक्स प्वाइंट भी लगाए गए हैं। कब्र पर जाने वाले हर व्यक्ति की जांच की जा रही है और इसके बाद उन्हें जाने दिया जा रहा है।
सोमवार को धरना प्रदर्शन
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने बताया कि सोमवार (17 मार्च) को छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करेंगे। कब्र हटाने के लिए धरना प्रदर्शन के अलावा जिला स्तर पर प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा।
हिंदूवादी नेता पर लगाया प्रतिबंध
इस बीच, हिंदूवादी नेता मिलिंद एकबोटे को 16 मार्च से 5 अप्रैल तक छत्रपति संभाजीनगर में प्रवेश करने से रोक दिया गया है। उपस्थानीय जिलाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, एकबोटे का संगठन धर्मवीर संभाजी महाराज प्रतिष्ठान हर वर्ष पुणे में छत्रपति संभाजी को श्रद्धांजलि देता है और खुफिया जानकारी मिली थी कि वह व उनके समर्थक औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए खुल्दाबाद आ सकते हैं। एकबोटे पर पुणे जिले के कोरेगांव भीमा में एक जनवरी 2018 को हुए जातिगत दंगों को भड़काने का आरोप है। उन्होंने बीजापुर के सेनापति अफजल खान की कब्र को हटाने के लिए आंदोलन में भी हिस्सा लिया था। छत्रपति शिवाजी महाराज ने अफजल खान को 1659 में मार डाला था। अफजल खान का कब्र सतारा जिले के प्रतापगढ़ में स्थित है।