मौसम विभाग के अनुसार, इन प्री-मानसून बारिशों के चलते दिन के तापमान में भी गिरावट आ सकती है और अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। मौसम विभाग ने सोमवार को भी छिटपुट जगहों पर गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना जताई है, जो सोमवार के बाद और तेज हो सकती है।
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस मौसम परिवर्तन के पीछे एक “बहुत शक्तिशाली” पश्चिमी विक्षोभ जिम्मेदार है। यह विक्षोभ गुजरात के ऊपर 3-4 दिन तक बना रह सकता है और अरब सागर से नमी खींच कर लाएगा। इससे गुजरात के अलावा मुंबई और उत्तर कोंकण क्षेत्र में भी तेज बारिश और गरज-चमक की स्थिति बनेगी।
यह पश्चिमी विक्षोभ सामान्य से अधिक मजबूत है और इसके कारण इस सप्ताह पूरे उत्तर कोंकण क्षेत्र में मौसम प्रभावित होगा। नतीजतन मुंबई में अगले दो दिनों तक आंधी, गरज-चमक और हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है।
हालांकि मुंबई में गर्मियों के दौरान ऐसी प्री-मानसून बारिशें आम हैं। आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, मई 2024 में मुंबई में 21.3 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है, जबकि मई 2023 में सिर्फ 3.4 मिमी बारिश हुई थी। शहर में अब तक का सबसे अधिक बारिश वाला मई साल 2000 में दर्ज किया गया था, जब पूरे महीने में 388 मिमी बारिश हुई थी।
इस बीच, मौसम के जानकारों का मानना है कि जून के पहले सप्ताह में ही मुंबई में मॉनसून का आगाज हो जाएगा और पूरे कोंकण में अच्छी बारिश शुरू हो जाएगी। मॉनसून आमतौर पर 1 जून को केरल के तट पर दस्तक देता है और इसके बाद सात से आठ दिनों में महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों, विशेष रूप से मुंबई तक पहुंचता है।
मौसम विभाग ने इस साल मॉनसून के दौरान सामान्य से अधिक बारिश होने की भविष्यवाणी की है। इस साल ‘अल नीनो’ का प्रभाव मॉनसून पर नहीं पड़ेगा।