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नागौर

अधिकारियों की कमी से जूझ रहा कृषि प्रधान जिले का कृषि विभाग, किसानों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ

नागौर की 80 प्रतिशत जनसंख्या खेती पर निर्भर, कृषि में अच्छे नवाचार भी हो रहे, लेकिन अधिकारियों के पद लम्बे समय से रिक्त, किसानों को समय पर आधुनिक तकनीकी की जानकारी मिले तो बदल सकती है जिले की तस्वीर, कृषि विभाग की कई योजनाओं का क्रियान्वयन भी हो रहा प्रभावित

नागौरMar 02, 2025 / 03:43 pm

shyam choudhary

हरीश मेहरा, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग, नागौर

हरीश मेहरा, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग, नागौर

नागौर. जिले की 80 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या कृषि कार्य करती है। यानी यहां सेवा और उद्योगों का क्षेत्र बहुत कम हैं। ऐसे में जिले के विकास में कृषि विभाग की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार की ओर से किसानों के कल्याण एवं कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित की जा रही हैं, लेकिन सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं का पूरा लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। इसकी प्रमुख वजह है नागौर के कृषि विभाग में अधिकारियों के पद लम्बे समय से रिक्त होना। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय के संयुक्त निदेशक कार्यालय में सहायक निदेशक कृषि (सांख्यिकी), कृषि अधिकारी (मिशन), कृषि अधिकारी (सामान्य) एवं सहायक कृषि अधिकारी (मुख्यालय) के एक-एक पद स्वीकृत हैं और चारों ही पद लम्बे समय से रिक्त हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है नागौर के किसानों को उचित मार्गदर्शन मिले तो कृषि के क्षेत्र में बड़े कीर्तिमान स्थापित किया जा सकते हैं।
ये योजनाओं हो रही हैं प्रभावित

जिले में फार्म पौण्ड, पाइपलाइन, कृषि यंत्र, तारबंदी, कृषि विषय में अध्ययनरत छात्राओं को छात्रवृत्ति आदि डीबीटी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सहायक निदेशक कृषि (मुख्यालय), कृषि अधिकारी (मिशन), कृषि अधिकारी (सामान्य), सहायक कषि अधिकारी की आवश्यकता है, लेकिन इनके पद भी लम्बे समय रिक्त चल रहे हैं। अधिकारियों के अभाव में वित्तीय वर्ष 2024-25 में आवंटित लक्ष्यों की प्राप्ति करना मुश्किल हो रहा है।
फसल बीमा का काम प्रभावित

जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के संबंध में किसानों की समस्याओं, प्रतिनिधियों की ओर से विभिन्न प्रकार की फसल बीमा संबंधी सूचनाएं, जिला प्रशासन की ओर से बीमा के क्रम आयोजित बैठकों में संकलित आंकड़े तैयार कर भेजने आदि के लिए सहायक निदेशक कृषि (सांख्यिकी) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसके बावजूद यह पद भी रिक्त चल रहा है।
अधिकारी व कर्मचारी तनाव में

कृषि विभाग में अधिकारियों के पद होने से संयुक्त निदेशक ने कार्यालय में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों को अतिरिक्त प्रभार दे रखा है, जिससे उन पर काम का बोझ गया है। काम के बोझ से कई कर्मचारी व अधिकारी तनाव में हैं।
नागौर की उपेक्षा चिंताजनक

कृषि के क्षेत्र में नागौर जिले में कई संभावनाएं हैं, इसके बावजूद सरकारी योजनाओं के लक्ष्य अपेक्षाकृत कम मिलते हैं। प्याज भंडारण, डिग्गी निर्माण, जल स्रोत, पॉली हाउस, ग्रीन हाउस, सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने सहित उद्यानिकी को लेकर अन्य जिलों की तुलना में नागौर को कम लक्ष्य मिलते हैं। जिले के कई किसानों के खुद के स्तर पर उन्नत तकनीक अपनाकर नवाचार किए हैं। यदि किसानों को पूरा मार्गदर्शन और योजनाओं का लाभ मिले तो कृषि क्षेत्र में नागौर जिला अच्छे परिणाम दे सकता है।
– रामकिशोर, प्रगतिशील किसान

मुख्यालय को अवगत करवाया है

जिला कार्यालय में अधिकारियों के पद रिक्त होने से विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग कार्य प्रभावित हो रहा है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत करवा दिया है।
– हरीश मेहरा, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग, नागौर

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