नए बनने वाली फोरलनसडक़ का निर्माण अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित होगा। अत्याधुनिक इंजीनियरिंग तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। सडक़ के निर्माण में उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री और तकनीकी प्रक्रियाएं लागू की जाएंगी, जो सडक़ को लंबे समय तक मजबूत और सुरक्षित बनाए रखेंगी।
प्रोजेक्ट की तकनीकी विशेषताएं फोरलेन सडक़ निर्माण में सबसे पहले 200 एमएम की ग्रेवल परत बिछाई जाएगी। इसके ऊपर जियोग्रिडपॉलीप्रोपीलीन शीट की परत बिछेगी, जो सडक़ की मजबूती को सुनिश्चित करेगी। इसके बाद 180 एमएम की रोड़ी परत, फिर 50 एमएम मोटी डीबीएम (डेंसिफाइडबिटूमिनस मिक्स) परत और आखिरी में 40 एमएम मोटी बिटुमिन कंक्रीट की परत होगी। यह परतें सुनिश्चित करेंगी कि सडक़ पर साधारण वर्षा जल का असर न हो और सडक़ की स्थिरता बनी रहे।
787 करोड़ रुपए होंगे खर्च सडक़ की डिज़ाइन इतनी उत्कृष्ट होगी कि यहां वाहनों की गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकेगी। इसका डिज़ाइन जीवनकाल 20 साल का होगा। पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग 787 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा, जो इस क्षेत्र में आने वाली यातायात और परिवहन की आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
गांवों-कस्बों में विकास परियोजना के अंतर्गत 30 स्थानों पर मिलने वाली सडक़ों के चौराहों का सुधार किया जाएगा। इसके अलावा 16 स्थानों पर बस स्टैंड का निर्माण मय छपरों के होगा। छोटे-बड़े सभी गांवों में पुल और फोरलेन के दोनों किनारों पर 25 फीट चौड़ी डामर की सर्विस रोड बनाई जाएगी। जिससे वहां के निवासियों को आसान आवागमन की सुविधा मिलेगी।
विशेष स्थानों पर निर्माण बावड़ी में बायपास और पुलों का निर्माण जोधपुर जिले के बावड़ी कस्बे में बायपास का निर्माण कराया जाएगा। जिसमें 8 पुलों का निर्माण होगा। इनमें 2 बड़े, 2 मध्यम और 4 छोटे पुल शामिल होंगे।
खरनाल में पुलों का निर्माण लोक देवता तेजाजी की जन्मस्थली खरनाल गांव में तीन पुल बनाए जाएंगे। इससे मेले और अन्य आयोजनों के दौरान यातायात व्यवस्था में कोई रुकावट नहीं होगी। सडक़ के प्रमुख घटक
सड़क पर पुलों की संख्या : फोरलेन सडक़ पर कुल 32 छोटे-बड़े पुल बनेंगे। इनमें कई गांवों में दो से तीन पुल बनाए जाएंगे। नाले और ड्रेनेज सिस्टम: मार्ग पर 26 किलोमीटर से ज्यादा लंबा आरसीसी नाला तथा 60 किलोमीटर से लम्बा कच्चा नाला बनेगा, जो सडक़ के दोनों किनारों पर होगा।
सेफ्टी फीचर्स : सडक़ पर 8 फीट चौड़ा डिवाइडर बनेगा, जिसके दोनों किनारों पर सेफ्टी बेरियर लगाए जाएंगे। जिस पर ग्रीन पट्टी का विकास होगा और यातायात की सुरक्षा बढेगी। वन भूमि का विकास : परियोजना में करीब 85 हैक्टेयर वन भूमि के विकास के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया गया है।
नागौर की जीवन रेखा बनेगी ईपीसी मोड की यह सड़क – नागौर-जोधपुर रोड पर दो लेन से चार लेन होने वाली इस सड़क के फेज प्रथम में नागौर बायपास चौराहा से नागड़ी गांव के पास नागौर जिले की सीमा तक 44.50 किलोमीटर में 417 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसी प्रकार द्वितीय फेज में नेतड़ा तक 43.08 किमी की सड़क बनेगी, जिस पर 370 करोड़ खर्च होंगे। सभी छोटे-बड़े गांवों में पुल व फोरलेन पास दोनों तरफ 25 फीट चौड़ी डामर की सर्विस रोड बनाई जाएगी।
– सीमेंट का नाला बनेगा, जिसको कवर करके फुटपाथ के काम लिया जाएगा। इस सड़क में खींवसर के करमसी चौराहे व लालावास हाइवे चौराहे पर 2 बड़े पुल 200 फीट चौड़ाई के बनेंगे। इसी प्रकार 5 जगह, चिमरानी स्कूल चौराहा, खरनाल बस स्टैण्ड, टांकला बस स्टैण्ड, जोरावरपुरा चौराहा, प्रेमनगर खींवसर चौराहा पर 20 मीटर चौड़े पुल बनाए जाएंगे।
– 3 जगह, खरनाल तेजाजी पैनोरमा, भाकरोद बस स्टैण्ड, नागड़ी धारणावास चौराहे पर 40 फीट चौड़ाई के पुल बनेंगे। 4 जगह, बरणगांव जंक्शन, खरनाल गांव, अहमदपुरा बस स्टैण्ड, नागड़ी बस स्टैण्ड पर छोटे पुल बनेंगे।
– नागौर जिले में आने वाले सेक्शन में कुल 14 पुल बनेंगे, जिसमें 2 खींवसर में, 3 खरनाल में, एक लालावास में, 2 नागड़ी में, एक जोरावरपुरा, एक टांकला, एक अहमदपुरा, दो चिमरानी, एक भाकरोद में बनेंगे।
जल्द शुरू करवाएंगे काम नागौर बायपास से नेतड़ा तक स्वीकृत आधुनिक फोरलेन का काम टेंडर प्रक्रिया अपनाकर जल्द शुरू करवाएंगे। नागौर शहर के बीकानेर रोड से लाडनूं मार्ग को मिलाने वाले बायपास की स्वीकृति का कार्य भी प्रक्रियाधीन है। जल्द ही नागौर को एक और बड़ी सौगात मिलेगी।
– दीपक परिहार, एक्सईएन एनएच, नागौर