नागौर. प्रदेश के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर रविवार को नागौर दौरे पर रहे। उन्होंने गांवों का दौरा करने के बाद जिला मुख्यालय स्थित जिला परिषद सभागार में बैठक लेकर विभागीय अधिकारियों की खिंचाई कर दी। नागर ने अधिकारियों से स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसी नेता का सपोर्ट लेकर बचने का वहम दिमाग से निकाल देना, किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
बैठक की शुरुआत में डिस्कॉम अधिकारियों ने पीपीटी के माध्यम से प्रशासनिक संरचना, उपभोक्ताओं का विवरण, राजस्व वसूली, बिजली छीजत व आपूर्ति आदि विभागीय कार्यों को लेकर विवरण प्रस्तुत किया। इस पर ऊर्जा मंत्री नागर ने बजट घोषणाओं में नए जीएसएस के लिए जमीन आवंटन के मामलों में प्रभावी मॉनिटरिंग करने के निर्देश देते हुए कहा कि जहां भी जीएसएस के लिए जमीन की आवश्यकता है, वहां विभागीय अधिकारी तत्परता से कार्य करें तथा इसमें कम से कम समय में कार्य करना सुनिश्चित करें। इस दौरान उन्होंने कहा कि आगामी बैठक में पीपीटी में जिले के सभी जीएसएस की जानकारी होनी चाहिए। साथ ही पिछले 5 साल और डेढ़ साल में जो नए जीएसएस बने हैं, उनकी जानकारी भी जोडऩा सुनिश्चित करें। बैठक में रायधनू, माणकपुर, पांचौड़ी, भेड़ सहित विभिन्न गांवों के जीएसएस के मुद्दे उठाए गए। इस दौरान माणकपुर से आए भाजपा कार्यकर्ता ने बताया कि उन्होंने आमजन के सहयोग से बिजली ट्रांसफार्मर लगवाने के लिए राशि एकत्र की, लेकिन उसका उपयोग आमजन के लिए न होकर औद्योगिक इकाइयों के लिया जा रहा है। इस संबंध में अधिकारियों को कई बार अवगत करवाने के बावजूद भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ट्रांसफार्मर के पास जिओ लगवाने के लिए डिस्कॉम अधिकारियों को एक ठेकेदार नहीं मिल रहा है और जहां जरूरत नहीं है, वहां काम करवाए जाते हैं। जिस पर अधिकारियों ने सफाई देनी चाही तो मंत्री ने कहा कि यह आपकी इन्टरनल समस्या है, आपको जैसे भी समाधान करना है करो, लेकिन 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति देना आपकी जिम्मेदारी है।
भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा – अधिकारी फोन नहीं उठाते इस संबंध में उन्होंने डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता अशोक चौधरी से लोड की जानकारी ली तो एसई जानकारी देने की बजाय वहां कार्यरत फैक्ट्रियों की संख्या बताने लगे। जिस पर उन्होंने तीन बार पूछा कि वहां क्षेत्र में लोड कितना है। इसके बाद वे सही से जवाब दे पाए। ऊर्जा मंत्री ने दो माह में कार्य करवाने तथा कार्यकर्ताओं को पूर्ण संतुष्ट करने के निर्देश दिए। भाजपा जिला अध्यक्ष रामधन पोटलिया ने कहा कि अधिकारी कार्यकर्ताओं के भी फोन नहीं उठाते हैं। जिस पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सभी छोटे से बड़े कार्यकर्ता व सदस्यों के नंबर सेव कर लें, उन्हें कभी भी कॉल आने पर अनदेखा नहीं करें। जिलाध्यक्ष पोटलिया ने मेड़ता एक्सईएन पर भाजपा नेताओं के साथ दुश्मनी निकालने का आरोप लगाया। पूर्व जिलाध्यक्ष एक काम करवाने के लिए घूम-घूमकर पागल हो गए हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों ने कांग्रेस राज में प्रताडि़त किया और अब भी कर रहे हैं। जिलाध्यक्ष बोले ये भाजपा की सरकार है, लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। मामला बढ़ता देख मंत्री बोले कि यह मीटिंग में सबके सामने रखने का विषय नहीं है।
विधायक डांगा ने कहा – गांवों में चार-चार दिन बंद रहती है बिजली बैठक में खींवसर विधायक रेवतराम डांगा ने कहा कि जीएसएस पर कौन काम कर रहा है, किसी को पता ही नहीं है। क्षेत्र में चार-चार दिन तक सप्लाई बंद रहती है, फोन करने पर कहीं खंभा गिर गया है तो कहीं तार टूटने की जानकारी मिलती है और कार्मिक उन्हें ठीक करने में चार से पांच दिन लगा देते हैं। वहीं स्थानीय कार्मिकों को सूचना देते हैं तो ठेकेदार के कार्मिक कहते हैं कि पिछले 4 माह से भुगतान नहीं हो रहा है, तो कया उनका भुगतान उपभोक्ता करेंगे? इस तरह के जवाब मिलने से आमजन में रोष व्याप्त है। इस दौरान विधायक डांगा व जिला अध्यक्ष पोटलिया ने कहा कि कई जीएसएस पर तो कार्मिक शराब पीकर जुआ खेलते हैं। रीको व्यापारी संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि गोगेलाव जीएसएस में कोई सुनवाई करने वाला नहीं है। रीको के सारे व्यापारी और खरीददार परेशान हो रहे हैं।
अभियंता काम नहीं करते, विश्वास उठ रहा है बैठक में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वे सब जिलों का भ्रमण करते हैं, सब जगह यही बात सामने आती है कि निचले स्तर से लेकर जेईएन, एईएन व एक्सईएन तक काम नहीं कर रहे हैं तथा लोगों में उनके प्रति बिल्कुल भी विश्वास नहीं रहा। उन्होंने कहा कि जब निजी क्षेत्र में काम अधिक हो रहा है तो सरकारी काम में ढिलाई क्यों बरती जा रही है। इसका मतलब यह है कि अधिकारी जिम्मेदारीपूर्ण काम नहीं करते हैं। उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि आपको शर्म नहीं आती क्या? छोटी-छोटी बातों को अनदेखा करना बंद करें। उन्होंने कहा कि एफआरटी टीम और जीएसएस के कार्मिक विद्युत तंत्र के रीड की हड्डी हैं। जब पहले से कार्यरत जीएसएस पर ऐसे हालात हैं, तो नए जीएसएस लगाने से कोई फायदा नहीं पहुंचने वाला। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बिना सूचना व बिना किसी कारण के शटडाउन करना गंभीर समस्या है।
मूण्डवा एईएन को सस्पेंड करो मंत्री ने अधीक्षण अभियंता अशोक कुमार से कहा कि आप जिले में बिजली विभाग के मुखिया हो, आप ही बिजली व्यवस्था नहीं सुधार सकते हैं तो यह आपकी बेईमानी है। इस दौरान उन्होंने मूंडवा व कुचेरा के एक प्रकरण में जेईएन की जानकारी लेनी चाहिए तो वे बगले झांकने लगे, फिर मूंडवा एईएन से बात की। जिस पर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर मंत्री ने कहा कि इनको अभी सस्पेंड करो। इस दौरान मंत्री ने कहा कि जो बदमाशी करेंगे वे सस्पेंड होंगे। कार्य चाहे छोटा हो या बड़ा, उसकी प्रभावी मॉनिटरिंग करना आवश्यक है। ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि ये गलतियां भविष्य में नहीं होनी चाहिए, नहीं तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना। किसी को भी माफ नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोई भी अधिकारी किसी नेता, जनप्रतिनिधि के सपोर्ट से बचने का भ्रम नहीं पाले, लापरवाही सामने आएगी तो उन्हें किसी भी स्तर पर बख्शा नहीं जाएगा।
एफआरटी को सुधार दो, 80 फीसदी समाधान हो जाएगा मंत्री नागर ने कहा कि एफआरटी की भी भयंकर शिकायतें हैं। इसके लिए हर क्षेत्र में एक स्ट्रिंगर बनाएं तथा संबंधित क्षेत्र की एफआरटी के नंबर भी सब जगह उपलब्ध हों। इस दौरान उन्होंने सभी की समस्या का समाधान करने के बारे में विचार करते हुए कहा कि जहां भी उपभोक्ता के मीटर लगा है, उसके ऊपर टोल फ्री नंबर तथा एफआरटी के नंबर चस्पा करें और जो नंबर मीटर पर चस्पा किए जाते हैं, उन पर कॉल उठाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि फील्ड में काम करना है तो तकलीफ तो झेलनी पड़ेगी। यदि एफआरटी को कंट्रोल कर लो तो 80 प्रतिशत समस्या का समाधान हो जाएगा।
प्रशासनिक अधिकारियों ने बनाई दूरी, पार्टी कार्यकर्ता दिखे सक्रिय जिला मुख्यालय पर आयोजित ऊर्जा मंत्री की बैठक में विभागीय अधिकारियों के अलावा कोई भी प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित नहीं हुए। इस दौरान जिला कलक्टर, अतिरिक्त जिला कलक्टर, उपखंड अधिकारी स्तर से लेकर किसी भी विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी तक बैठक में नहीं दिखे। वहीं बैठक में भाजपा के पदाधिकारी व कार्यकर्ता अधिक सक्रिय नजर आए। बैठक में कृषि आयोग अध्यक्ष सीआर चौधरी, मेड़ता विधायक लक्ष्मणराम कलरु, पूर्व जिलाध्यक्ष रामनिवास सांखला, घनश्याम सदावत, जगदीश बिडियासर, सरोज प्रजापत आदि उपस्थित रहे।
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