आदिवासी युवाओं को नौकरी देने की पहल
जानकारी के मुताबिक मटकुली से पचमढ़ी तक लगभग 25 ग्रामों में 10 वीं 11 वीं तक शिक्षित युवाओं के पास कोई नौकरी नहीं होने के कारण वे मेह्नत मजदूरी करते हैं। इन युवाओं को इंजीनियरिंग, निर्माण, प्रौद्योगिकी और वित्तीय सेवाओं में काम करने वाली कंपनी में नौकरी दिलाने के लिए एसटीआर प्रयास कर रहा है। इसके लिए नौकरी करने के लिए इच्छुक आदिवासी युवाओं की मटकुली में एक दिवसीय काउंसलिंग होगी। इसमें कंपनी के लोग आदिवासी युवाओं को कंपनी के काम काज के बारे में बताएंगे। कंपनी कितने क्षेत्रों में किस रूप में काम कर रही है। क्या-क्या उत्पाद हैं। इसकी जानकारी दी जाएगी। साथ ही नौकरी से मिलने वाले वेतन और सुविधाओं बारे में बताया जाएगा। इसके बाद जितने युवा नौकरी करने के लिए तैयार होंगे, उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा।
नौकरी के साथ शिक्षा की तरफ भी आकर्षित होंगे
मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने के दौरान आदिवासी युवाओं को वहां के अधिकारी और कर्मचारियों के बीच रहने का मौका मिलेगा। इससे युवा आगे शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित भी होंगे। इस प्रयास से आदिवासी युवाओं में शिक्षा का स्तर और बेहतर बनाया जा सकता है। यह भी पढ़े –
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एसटीआर फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा ने बताया कि आदिवासी युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए मनचाहे काम का प्रशिक्षण देने को तैयार है। युवा अगर मिस्त्री, कारपेंटर, मैकेनिक, कुक का काम करना चाहते हैं तो उन्हें उस तरह ट्रेनिंग भी दी जाएगी। एसटीआर युवाओं को क्षमता का सही उपयोग करने प्रेरित कर रहा हैं। युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं। अभी काउंसलिंग की जाएगी। इसमें जो युवा तैयार होंगे। उन्हें प्रशिक्षण देंगे। इसके पहले भी युवाओं को बाइक रिपेरिंग, कॉम्प्यूटर ऑपरेटर की टेर्निंग दी थी। इसके बाद कई युवा रोजगार से जुड़ गए हैं।
महिलाओं को दिए जा रहे रोजगार के अवसर
एसटीआर के क्षेत्र में रहने वाली आदिवासी महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रहा है। इसमें महिलाओं और युवतियों को गाइड, सफारी वाहन चालक बनाने के लिए प्रशिक्षण देकर रोजगार दिया गया है।