पाकिस्तान की बदहाली का आलम
पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक बदहाली की ऐसी आंधी में फंसा है, जहां से निकलने की कोई राह नजर नहीं आती। 2023 से देश आटा, बिजली और पेट्रोल-डीजल की किल्लत से जूझ रहा है। बाढ़, बेतहाशा महंगाई और कंगाली ने वहां के हालात को और बदतर कर दिया है। कराची, इस्लामाबाद और पेशावर जैसे शहरों में 10 किलो आटे का बैग 1500 रुपये तक पहुंच गया है। सस्ता आटा पाने के लिए लोग घंटों लाइनों में खड़े रहते हैं, और कई जगह भगदड़ में दर्जनों लोगों की जान चली गई। पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी आसमान छू रही हैं, और बिजली की कटौती ने आम जनता का जीना मुहाल कर दिया। ऐसे में पाकिस्तानी नेताओं का सिंधु जल संधि पर भारत के खिलाफ बयानबाजी करना उनकी बौखलाहट और बेबसी को ही उजागर करता है।
विज का तीखा प्रहार
अनिल विज ने पाकिस्तान की इस हिमाकत का जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बिलावल भुट्टो के सिंधु जल संधि पर दबाव बनाने की कोशिश को भारत ने पहले ही खारिज कर दिया था, लेकिन विज ने इसे और सख्ती से कुचल दिया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की हर चाल को नाकाम किया जाएगा। भारत अब न उसकी धमकियों से डरेगा, न ही उसकी गुस्ताखियों को बर्दाश्त करेगा।” विज का यह बयान सिर्फ शब्दों का खेल नहीं, बल्कि भारत की उस नीति का ऐलान है, जो आतंकवाद की फैक्ट्री कहे जाने वाले पाकिस्तान को जड़ से उखाड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने चेतावनी दी, “पाकिस्तान को लगता है कि वह भारत को डरा सकता है, लेकिन अब समय बदल गया है।”
पाकिस्तान की कमजोर नब्ज पर चोट
विज का “आटा था नहीं, अब पानी भी बंद” वाला तंज पाकिस्तान की आर्थिक और सामरिक कमजोरी को बेनकाब करता है। सिंधु जल संधि, जो दशकों से दोनों देशों के बीच जल बंटवारे का आधार रही है, अब पाकिस्तान के लिए एक संवेदनशील मुद्दा बन चुकी है। भारत के सख्त रुख और संधि पर पुनर्विचार की बात ने पाकिस्तानी नेताओं की नींद उड़ा दी है। विज का बयान इस बात का संकेत है कि भारत अब नरमी बरतने के मूड में नहीं है। यह न सिर्फ पाकिस्तान की बयानबाजी को खारिज करता है, बल्कि उसके आतंकवाद को पनाह देने की नीति पर भी सीधा हमला है।
भारत का बदला हुआ रुख
विज के इस बयान ने साफ कर दिया है कि भारत अब पाकिस्तान की हरकतों को चुपचाप सहने वाला नहीं है। आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति और आर्थिक-सामरिक दबाव के जरिए भारत पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाने को तैयार है। विज का यह बयान न सिर्फ पाकिस्तानी नेताओं के लिए मिर्ची की तरह है, बल्कि भारत के उस इरादे का भी प्रतीक है, जो कहता है कि अब न धमकी चलेगी, न दादागिरी। पाकिस्तान के लिए यह वक्त अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने का है, वरना विज की बात सच साबित होगी—न आटा बचेगा, न पानी।