scriptPK को कानूनी पचड़े में फंसाएंगे CM नीतीश कुमार के मंत्री! शांभवी चौधरी को लेकर लगाया था आरोप | CM Nitish Kumar minister will get PK into legal trouble allegations regarding Shambhavi Chaudhary | Patrika News
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PK को कानूनी पचड़े में फंसाएंगे CM नीतीश कुमार के मंत्री! शांभवी चौधरी को लेकर लगाया था आरोप

प्रशांत किशोर, जो कभी नीतीश कुमार के रणनीतिकार रहे और अब जनसुराज के जरिए बिहार में अपनी अलग सियासी जमीन तलाश रहे हैं, इस विवाद के बाद और चर्चा में आ गए हैं।

पटनाApr 26, 2025 / 10:04 pm

Anish Shekhar

बिहार की सियासत में एक नया तूफान खड़ा हो गया है, और इस बार केंद्र में हैं जनसुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर (PK) और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी मंत्री अशोक चौधरी। अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने की घोषणा की है, जिसने बिहार के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। यह विवाद तब शुरू हुआ, जब प्रशांत किशोर ने अशोक चौधरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि उन्होंने अपनी बेटी शांभवी चौधरी को पैसे देकर सांसद का टिकट दिलवाया। इस बयान ने न केवल अशोक चौधरी को आगबबूला कर दिया, बल्कि एक बड़े कानूनी पचड़े की नींव भी रख दी।

अशोक चौधरी का पलटवार

अशोक चौधरी ने मीडिया के सामने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “प्रशांत किशोर ने मुझ पर जो बयान दिया कि मैंने पैसे लेकर अपनी बेटी को टिकट दिलवाया, यह सरासर झूठ है। मैं उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करूंगा।” उन्होंने बताया कि वह अपने कानूनी सलाहकारों से विचार-विमर्श कर रहे हैं और जल्द ही इस मामले में कार्रवाई शुरू करेंगे। अशोक चौधरी का यह कड़ा रुख दर्शाता है कि वह प्रशांत किशोर के आरोपों को हल्के में नहीं ले रहे और इस मसले को अदालत तक ले जाने के लिए तैयार हैं।

प्रशांत किशोर का तीखा हमला

दूसरी ओर, प्रशांत किशोर ने जमुई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अशोक चौधरी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा, “अशोक चौधरी ने अपनी बेटी शांभवी चौधरी को टिकट खरीदकर सांसद बनवाया।” इतना ही नहीं, PK ने अपनी छवि को साफ करने की कोशिश करते हुए कहा, “बिहार में कोई नेता या पार्टी मुझ पर एक रुपये का भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा सकती। मैं न विधायक हूं, न सांसद, न ही बालू माफिया या शराब माफिया के लिए काम करता हूं। मैंने जो भी कमाया, अपनी बुद्धि और मेहनत से कमाया।” उन्होंने यह भी दावा किया कि जनसुराज के लिए जो संसाधन खर्च किए जा रहे हैं, वे बिहार के गरीब लोगों को राजनीति में लाने के लिए हैं, ताकि पैसे की कमी उन्हें सियासत से दूर न रखे।
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शांभवी चौधरी और विवाद का केंद्र

शांभवी चौधरी, जो लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद हैं और जमुई से 2024 में चुनाव जीती थीं, इस विवाद का एक अहम हिस्सा बन गई हैं। प्रशांत किशोर के आरोपों ने न केवल अशोक चौधरी की साख पर सवाल उठाए, बल्कि शांभवी की राजनीतिक यात्रा को भी विवादों के घेरे में ला दिया। शांभवी, जो बिहार की सबसे युवा सांसदों में से एक हैं, ने अभी तक इस मसले पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके पिता अशोक चौधरी का आक्रामक रुख इस बात का संकेत है कि यह मामला आसानी से शांत नहीं होगा।

सियासी जंग का नया मोड़

प्रशांत किशोर, जो कभी नीतीश कुमार के रणनीतिकार रहे और अब जनसुराज के जरिए बिहार में अपनी अलग सियासी जमीन तलाश रहे हैं, इस विवाद के बाद और चर्चा में आ गए हैं। उनके बेबाक बयानों ने जहां एक तरफ उनके समर्थकों को उत्साहित किया है, वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार के खेमे में नाराजगी पैदा कर दी है। अशोक चौधरी का मानहानि का मुकदमा इस सियासी जंग को कानूनी दायरे में ले जा रहा है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला अदालत में कैसे आगे बढ़ता है।

क्या होगा अगला कदम?

यह विवाद न केवल प्रशांत किशोर और अशोक चौधरी के बीच की व्यक्तिगत लड़ाई है, बल्कि बिहार की सियासत में एक बड़े टकराव का प्रतीक है। एक तरफ PK अपनी स्वच्छ छवि और जनसुराज के जरिए नई राजनीति की बात कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ नीतीश कुमार के खेमे से उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। मानहानि का यह मुकदमा बिहार की सियासत में नया रंग भर सकता है। सवाल यह है कि क्या PK इस कानूनी पचड़े से उबर पाएंगे, या यह विवाद उनकी सियासी महत्वाकांक्षाओं पर भारी पड़ेगा? बिहार की जनता और सियासी गलियारे इस सवाल का जवाब जानने को बेताब हैं।

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